- उनकी पारी को देख कर बड़े-बड़े दिग्गजों ने की तारीफ
- उनकी पारी में 21 चौके और 10 छक्के शामिल
Australia vs Afghanistan: ऑस्ट्रेलिया के अंडरटेकर का तांडव चल रहा था…एक तरफ अंडरटेकर ग्लैन मैक्सवेल और दूसरी तरफथी अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम..मुंबई के वानखेड़े में ग्लेन मैक्सवेल ने दोहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया… मैक्सवेल ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी पारी खेलकर जीत अफगानिस्तान के मुंह से छीन लिया… ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 91 रनों पर सात विकेट गंवा दिए थे।
तब ऐसा लग रहा था, कि अफगानिस्तान की टीम आसानी से मैच जीत लेगी। लेकिन ग्लेन मैक्सवेल ने 201 रनों की पारी खेलकर… अपनी टीम को हारी हुई बाज़ी जिता दी। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली तीसरी टीम बन गई।
ग्लेन मैक्सवेल मैच के दौरान हुए चोटिल
इतना ही नही ग्लेन मैक्सवेल मैच के दौरान चोटिल भी हुए… मैदान में कई बार गिरे, कमर दर्द और हैमस्ट्रिंग ने मैक्सवेल को जकड़ा हुआ था। कई दफा बीच मैदान में फिजियो भी आए और मसाज किया जिसके चलते मैच रुका लेकिन मैक्सवेल फिर खड़े हो गए।
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वहीं एक बार तो हैमस्ट्रिंग ने ग्लेन मैक्सवेल ऐसा परेशान किया कि मैक्सवेल सीधे ग्राउंड पर ही लेट गए, दर्द और पीड़ा के बीच एडम जैम्पा उनकी जगह लेने के लिए बिल्कुल तैयार थे। लेकिन मैक्सी वापस नहीं गए, वो डटे रहे…. इतना डटे कि 201 रन बनाकर थमे… ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला कर थमे…उनकी 128 गेंदों की इस पारी में 21 चौके और 10 छक्के शामिल थे।
ऑस्ट्रेलिया टीम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची
कोई भी शख्स जो अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दोनों टीमों के मुकाबले को देख रहा था। वो एक समय मान चुका था कि अफगानी टीम वर्ल्ड कप में एक और उलटफेर करेगी पर, यहीं से इस मैच में ग्लेन मैक्सवेल की एंट्री हुई और उन्होंने इस मैच को पूरी तरह से पलटकर रख दिया। मैक्सवेल की इस पारी से लोग इतना प्रभावित हुए कि कई लोगों ने उन्हें ‘मैडमैक्स मैक्सवेल’ बता दिया। किसी ने कहा अंडरटेकर का बिग शो…. हर क्रिकेट फैन वनडे क्रिकेट की इस ऐतिहासिक पारी की तारीफ करने से खुद को न रोक पाया।
ग्लेन मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक ऐसी पारी खेली है। जिसे लोग सदियों तक याद रखेंगे, उनकी इस पारी को देखकर किक्रेट के बड़े बड़े दिग्गजों ने उनकी तारीफ की बहराहल, मैक्सवेल की इस ऐतिहासिक पारी की बात करें। तो उन्होंने अपनी टीम को उस परिस्थिति से मैच जिताया है। जब उनकी टीम का जीत प्रतिशत सिर्फ 6 बचा था और लगभग सभी ने मान लिया था कि अब ऑस्ट्रेलिया नहीं जीत पाएगी। क्योंकि उन्होंने सिर्फ 91 रन पर 7 विकेट गवां दिए थे।