Akhilesh Yadav on Reservation: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला किया है. अखिलेश यादव ने बीजेपी और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बिना नाम लिए मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी की नियत लोगों के बीच बंटवारे की रही है और वे यूपी से बीजेपी को बाहर करने का संकल्प ले चुके हैं.
बीजेपी की मंशा पर सवाल
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि बीजेपी की आरक्षण नीति के प्रति मंशा ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है और मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है. इसके पूर्व, अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वह अपनी विचारधारा के साथी लोगों को यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर पिछड़े दरवाजे से बिठाने की साजिश कर रही है. उन्होंने इसे लेकर एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने की बात भी की है.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया
उधर, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि सपा का PDA (पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस) एक बड़ा धोखा है. मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि सपा झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बन चुकी है और विधानसभा चुनाव में संविधान खत्म करने का दुष्प्रचार करने की तरह अब PDA का झूठ फैला रही है. उन्होंने बीजेपी को ही भविष्य के रूप में पेश करते हुए 2027 में 2017 का दोहराव करने का दावा किया है.
अखिलेश यादव ने की आलोचना
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में बीजेपी और डिप्टी सीएम के बयान को साजिशपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी का ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ बयान भी शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ एक राजनीतिक खेल है.अखिलेश यादव का आरोप है कि ये नेता आरक्षण की हकमारी में खुद भी संलिप्त रहे और अब युवाओं के खिलाफ संघर्ष कर खुद को हमदर्द साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़
69000 शिक्षक भर्ती के विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जो इस मुद्दे पर गहराई से समझने और समाधान निकालने की जरूरत को दर्शाता है. राजनीतिक दलों के बीच इस तीखे आदान-प्रदान से यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों के बीच इस मामले पर गहरी असहमति और राजनीतिक गोटियां हैं.
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