अलीगढ़ संवाददाता : नितेश महेश्वरी
अलीगढ़ : अलीगढ़ में सर्व शिक्षा अभियान को पलीता लगता हुआ नजर आ रहा है, जहां एक और शिक्षा विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए स्कूल के नाम पर खर्च करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीन स्तर पर हालत गंभीर बने हुए हैं ।यही कारण है हर रोज जज्जर पड़े स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने वाले परिजन अब आक्रोशित नजर आरहे हैं । उनके द्वारा लगातार प्रदर्शन करते हुए बच्चों को स्कूल में ना भेजने की बात कहते हुए स्कूलों में ताला जड़ दिया है।
उनका साफ तौर पर कहना है स्कूलों को पूरी तरीके से मरम्मत करते हुए दुरुस्त नहीं किया गया, तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे अभिभावकों का कहना है ।वह अपने बच्चों की जान के साथ कोई भी खिलवाड़ नहीं करना चाहते यही कारण है ।उनके द्वारा प्रदर्शन किये जा रहे हैं और स्कूलों पर ताले जड़े जा रहे हैं।
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खुलेगा जब स्कूल का सुधार कार्य शुरू
दरअसल पूरा मामला जिला अलीगढ़ के तहसील इगलास के गोरई क्षेत्र के गांव महदौरा में प्राथमिक विद्यालय में स्कूल जर्जर होने की वजह से अभिभावकों व ग्रामीण ने प्रदर्शन कर स्कूल के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। अभिभावकों का कहना है कि काफी लंबे समय से स्कूल की मरम्मत करने की बात कही जा रही है। लेकिन अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं प्राथमिक स्कूल महदौरा का भवन जर्जर होने पर शिक्षा विभाग द्वारा कोई सुधार न कराने से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार स्कूल में ताला लगा दिया। उनका कहना था कि बच्चो की जान से खिलवाड़ नही कर सकते इसलिए ताला तभी खुलेगा जब स्कूल का सुधार कार्य शुरू होगा।
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भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त व जर्जर हो चुका
शिक्षकों ने काफी मिन्नते की लेकिन ग्रामीण नही माने ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पूरे स्कूल की बिल्डिंग नही बनेगी जब तक स्कूल के गेट पर ताला परमानेंट लगाने की बात कही है ।आपको बता दें कि स्कूल भवन 1995 का बना हुआ स्कूल अब बिल्कुल जर्जर हालत में है छत के लेंटर में जगह जगह दरारें पड़ी हुई है ।छत का प्लास्टर टूट टूट कर गिर रहा है । अभी कुछ दिनों पहले दो बच्चों चोटिल भी हो गए हैं ।ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त व जर्जर हो चुका है। जो की कभी भी गिर सकता है दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ी हुई है।
आज तक कोई भी सुनवाई नहीं
बारिश के दिनों में छतों से पानी टपकता है बच्चो का बैठना व्मुस्किल हो जाता है ।अधिकारी सुधार नहीं करवा रहे हैं इसलिए उन्होने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया और तभी खुलेगा जब स्कूल में सुधार कार्य शुरू होगा स्कूल में 198 बच्चे पजी कृत है बच्चो के बैठने के लिए स्कूल में कमरे पर्याप्त नहीं है। कमरे जर्जर होने पर स्कूल बच्चे खुले आसमान धूप बरसात में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं ।आए दिन कोई न कोई हादसा होने का डर बना रहता है अभी दो दिन पहले स्कूल की टीचर व प्रधानाचार्य के ऊपर लेंटर गिर गया लेकिन कोई बड़ा हादसा नही हुआ वह बच गए ग्रामीण अपने बच्चो को स्कूल में पढ़ाने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों ने कही बार शिकायत भी लेकिन आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है।
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हालत में सुधार नहीं होने हादसा हो चुका है
अध्यापकों ने बताया की इस समस्या से हम लोग भी काफी परेशान है ।बरसात आने पर बच्चो की छुट्टी कर दी जाती है जिससे कोई हादसा नही हो जाए काफी बार लिखित शिकायत भी की गई लेकिन इसकी और कोई भी ध्यान नहीं दे रहा नही कोई सुनवाई कर रहा है। अधिकारियों को अवगत कराने के बाबजूद भी नतीजा नही निकला ग्रामीण प्रमोद राघव का कहना है ,कि अगर कोई बड़ा हादसा हो गया तो उसके लिए कोन जिम्मेदार होगा लेकिन शिक्षा विभाग इसकी और कोई ध्यान नहीं दे रहा है, और अपनी आंखे बंद कर बैठा हुआ हे पूर्व में भी बेशमा में भी जर्जर भवन की हालत में सुधार नहीं होने हादसा हो चुका है। अगर समय रहते इस भवन की हालत की तरफ विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।