पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा कि राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं।
Punjab News: पंजाब में राज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने अब आक्रामक रूप ले लिया है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सांविधानिक कार्रवाई के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है। इससे पहले कि वह संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत अंतिम निर्णय लें, मुख्यमंत्री भगवंत मान उचित कदम उठाएं।’
क्यों हो रही वाद-विवाद…
मुख्यमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में राज्यपाल पुरोहित ने अपने एक अगस्त के पत्र का जिक्र किया और कहा कि ‘मांगी गई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है। ऐसा लगता है कि आप मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी देने से जानबूझकर इंकार कर रहे हैं।
बता दें, मान सरकार ने 36 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के लिए विदेश प्रशिक्षण संगोष्ठी सहित अन्य मुद्दों पर जानकारी के लिए मान को कई पत्र लिख चुके पुरोहित ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उनका जवाब नहीं दिया है।
जानबूझकर जानकारी न देने का आरोप…
राज्यपाल पुरोहित ने अपने इस पत्र की शुरुआत में लिखा कि वह एक अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के संबंध में यह नया पत्र लिखने को बाध्य हैं, क्योंकि उनके पत्र के बावजूद मुख्यमंत्री ने मांगी गई जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जानबूझकर ये जानकारियां नहीं दे रहे हैं।
क्या वाकई में पंजाब सरकार संविधान के मूल सिद्धांत की अनदेखी कर रही?
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को लिखे पत्र में कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के मुताबिक, राज्यपाल अगर राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में कोई जानकारी मांगें तो मुख्यमंत्री द्वारा उसे उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होता है। ऐसा नहीं करके राज्य सरकार संविधान के मूल सिद्धांत की अनदेखी कर रही है।
राज्यपाल की राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी…
राज्यपाल पुरोहित का पंजाब की आप सरकार पर आरोप है कि उन्होंने संविधान के खिलाफ काम किया है साथ उनके पत्रों का जवाब भी नहीं दिया है। इसके साथ राज्यपाल ने सीएम मान को लेटर लिखा और चेतावनी दी कि अगर उन्होंने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके पास राज्य में राष्ट्रपति शासन सिफारिश का अधिकार है।
राज्यपाल के 16 में से 9 पत्र का जवाब दिया…
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें 16 पत्र लिखे हैं जिनमें से उन्होंने नौ का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को पत्र लिखने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और तत्काल जवाब की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
मान ने कहा कि उनकी सरकार मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही है। तस्करों की संपत्तियों को जब्त कर रही है। छापे मार रही है और गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स बनाने के साथ गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसके बावजूद राज्यपाल का दावा है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नही है।
ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है: राज्यपाल
पुरोहित ने कहा कि राजभवन की तरफ से प्रदेश की सरकार से मांगी गई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है और ये साफ तौर पर संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है।
क्या संविधान मणिपुर में लागू नहीं है?
पंजाब सीएम ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं, लेकिन जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर पर उन्होंने कभी कोई बयान नहीं दिया। क्या संविधान मणिपुर में लागू नहीं है? मान ने दावा किया कि पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना को छोड़कर ज्यादातर लोग अपने राज्यपालों के नाम नहीं जानते होंगे, क्योंकि इन सभी राज्यों में गैर-भाजपा सरकार है।
पूर्व मंत्री पर ईडी की कार्रवाई…
वहीं कथित निविदा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता भारत भूषण समेत अन्य लोगों पर छापेमारी की कार्रवाई की है। इस दौरान ईडी ने 6 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति और कई बैंकों में राशि जब्त की है। ईडी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई 24 अगस्त को की गई थी।