लखनऊ संवाददाता : मोहम्मद कलीम
लखनऊ। भारतीय सेना में भर्ती हेतु आवश्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने/पूर्णः कूटरचित नियुक्ति पत्र व अन्य कई तरीके से सेना की भर्ती प्रक्रिया की सूचिता भंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, भारतीय सेना की कोर्ट आफ इन्क्यारी से भागे 01 भगौड़ा सैनिक व मिशन डिफेन्स एकेडमी के प्रबन्धक लखनऊ से गिरफ्तार।
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एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ की संयुक्त कार्यवाही में भारतीय सेना में भर्ती हेतु आवष्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने/पूर्णः कूटरचित नियुक्ति पत्र व अन्य कई तरीके से सेना की भर्ती प्रक्रिया की सूचिता भंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाष करते हुये भारतीय सेना की कोर्ट आफ इन्क्यारी से भागे एक भगौड़ा सैनिक व मिषन डिफेन्स एकेडमी के प्रबन्धक को लखनऊ से गिरफ्तार करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स द्वारा विगत वर्ष-2020 के माह जनवरी में सयुक्त कार्यवाही में भारतीय सेना मे शारीरिक दक्षता पास अभियर्थीयों हेतु आवष्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाष किया गया था। उक्त प्रकरण में पकडे़ गये दोनो सैनिको की कोर्ट आफॅ इन्क्वाइरी प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्षल किया गया था। इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के विषय में एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लगातार जानकारी एकत्रित कर ही थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि कमिष्नरेट के थाना क्षेत्र बिजनौर में मिषन डिफेन्स एकेडमी के प्रबन्धक द्वारा सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने/कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बडे पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं।
भर्ती प्रक्रिया में धांधली से कमाएं 89 लाख रुपये
प्रकरण में आये सैनिक के बारे में मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ के साथ जानकारी साझा करने पर ज्ञात हुआ कि वर्ष-2020 में हुये फर्जी भर्ती प्रक्रिया की कोर्ट ऑफ इनक्वाइरी में पवनराज नामक सैनिक का नाम प्रकाष में आया था। जिसके बैंक खाते में भर्ती प्रक्रिया से अवैध कमाई से प्राप्त 89 लाख रुपये प्राप्त हुये ज्ञात हुआ था। कोर्ट ऑफ प्रक्रिया के दौरान ही पवनराज भगोडा हो गया। जिनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ मुख्यालय की टीमांे के द्वारा की जा रही सर्तक निगरानी के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार नागर के पर्यवेक्षण में एस0टी0एफ0 मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
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इतने आरोपी हुए गिरफ्तार
अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि दिनांक 07-07-2023 को संगठित गिरोह के सदस्य पवनराज अपने सहयोगी सहित इकोगार्डन, थाना आलमबाग कमिश्नरेट लखनऊ आने वाले हैं। यदि शीघ्रता किया जाय तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना पर निरीक्षक दिलीप तिवारी, मु0आ0 रुद्र नारायाण उपाध्याय, मु0आ0 आशोक राजपूत, मु0आ0 सन्तोष सिंह, मु0आ0 अषोक गुप्ता, मु0आ0 कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, आ0 विजय वर्मा व आ0चा0 कुमदेष यादव व लखनऊ मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त टीम कार्यवाही हेतु, मुखबिर को साथ लेकर उसके बताये गये स्थान पर आवश्यक घेराबन्दी करते हुए उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
अभियुक्त ने पूछताछ में किया ये खुलासा
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर अपना नाम पवनराज बताते हुये कहा कि वर्ष-2017 में मेरी आर्मी मेडिकल कोर लखनऊ पोस्टिंग के दौरान पूर्व से नियुक्ति बाला व स्वपनिल सन्तोष सूर्यवंषी से मेरी मुलाकात हुयी। मेरे द्वारा पूर्व से धोखाधड़ी कर रहे इस गिरोह मे शामिल होकर षारीरिक दक्षता पास मेडिकल टेस्ट मे अनफिट सैकड़ो अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास करवाकर उन्होने सेना में भर्ती कराने के नाम पर करोड़ो का फर्जीवाड़ा किया गया। चूकि मेरे सहयोगी सूर्यवंषी व बाला कोर्ट मार्षल के बाद जेल चले गये और मेरे भी पीछे सेना व एसटीएफ लगी हुयी थी। जिसके कारण पूर्व की तरह अब मेरे द्वारा मेडिकल टेस्ट में अनफिट अभ्यर्थियों को पास कराने का कोई विकल्प नही बचा था। इसी दौरान मेरा सर्म्पक मिषन डिफेन्स एकेडमी प्रबन्धक सतीश यादव व इनके सहयोगियों से हुआ।
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अभ्यर्थियों को डरा – धमकाकर वसूलते थे रकम
हम लोगों ने नये तरीके से अभ्यर्थियो के साथ धोखाधड़ी करते हुये मिषन डिफेन्स एकेडमी नामक संस्थान के माध्यम से सैकड़ो अभ्यर्थियो से सर्म्पक कर प्रत्येक अभ्यर्थियों से 4-5 लाख ले लेते हैं। जिसमे तमाम बेरोजगार युवक देश भर के अलग-अलग राज्यों से आते हैं। हमारे द्वारा अभ्यर्थियों के पैसे को वापस मागने पर हमारे द्वारा डराया धमकाया जाता है कि अगर तुम लोगों के द्वारा पुलिस कार्यवाही की गयी। तो तुम लोगों पर भी पुलिस कार्यवाही करेगी। इसी डर से ऐसे हजारो बेरोजगार लोगों द्वारा खुद के साथ धोखा होने पर कभी कानूनी कार्यवाही नही की जाती है। इसी क्रम में आज भी मै और सतीश तीन अभ्यर्थियों को फर्जी नियुक्ति पत्र व मेडिकल करवाने के नाम पर धोखा देने आये थे। नियुक्ति पत्र देते समय मै सेना की वर्दी इसलिये धारण करता हूँ कि सैन्यकर्मी को देकर लोग शीघ्र ही नियुक्ति पत्र पर विश्वास कर लेते है।