लखनऊ संवाददाता- सुहानी सिंह
दिल्ली: दिल्ली के विज्ञान भवन में जीएसटी काउंसिल की 50वीं मीटिंग चल रही है. इसमें कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए हैं. बैठक से पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीलवाल नें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को ईडी के साथ सूचना आदान-प्रदान की मिली अनुमति को बेहद खतरनाक बताया. CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और देश के व्यापारियों के साथ हैं. वही 7 जुलाई को केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था. जीएसटी को पीएमएलए एक्ट में शामिल करने की बात कही गई थी। जिसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है.
आपको बता दे आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा, ”केंद्र सरकार 7 जुलाई को अधिसूचना जारी करेगी कि अब जीएसटी भी पीएमएलए अधिनियम में आएगा। इसका मतलब है कि 1 करोड़ 38 लाख जीएसटी भुगतान वाले व्यापारी ईडी के शिकंजे में आ जाएंगे।
व्यापारी सरकार के इस कदम से परेशान:
वहीं व्यापारिक संस्था चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने इस मामले पर पहले ही चिंता व्यक्त कर चुकी है. CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 7 जुलाई को वित्त मंत्रालय की ओर से आए नोटिफिकेशन से व्यापारी परेशान हैं. इसमें जीएसटी को PMLA (ED) से जोड़ा गया है.
साथ ही ईडी ने पीएमएलए पर भी छोटे बड़े सहयोगियों को लगाया और उन्हें जमानत नहीं मिलेगी। इससे तो कोई भी व्यापार नहीं कर पायेगा और देश की अर्थव्यवस्था डूब जायेगी। हम इसे मुद्दे को आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में उठाएंगे।
कई राज्यों में ऐतराज
वही आप नेता ने कहा, ”दिल्ली-पंजाब-तमिलनाडु, राजस्थान समेत कई राज्यों में ऐतराज का प्रदर्शन है कि जीएसटी को पीएमएलए में क्यों लाया गया है?” पीएमएलए में जीएसटी व्यवस्था का मतलब यह है कि अगर किसी व्यापारी के पास जीएसटी नहीं है तो ईडी उस पर मुकदमा चला सकता है।
सब जानते हैं कि ईडी किस तरह से परेशान है, अब बिजनेस इकोनॉमी बढ़ेगी या पीएमएलए में ईडी का प्रॉसिक्यूशन झेलेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी काउंसिल में इस पर चर्चा करने को भी तैयार नहीं हैं।
बृजेश गोयल ने कहना है कि नए नियम में यह स्पष्ट होना चाहिए कि GST के मामलों में PMLA का अधिकार क्षेत्र क्या होगा? इसमें क्या सिर्फ सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा या GST की तरह PMLA भी पैररल अथॉरिटी बनेगा. कौन से मामले GST में निपटाए जाएंगे? किन केस को ED देखेगा? ED के पास क्या अधिकार क्षेत्र होंगे? ऐसे बहुत से सवालों का जवाब व्यापारी को चाहिए.
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में चर्चा की जाएगी कि किसी भी कंपनी को रजिस्टर्ड करने से पहले कंपनी या बिजनेस का फिजिकल अनिवार्य होगा. साथ ही कंपनी को अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने या सरकारी खजाने में राशि जमा करने का कारण बताना होगा.
8 राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल की रिपोर्ट पर हुई चर्चा
बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, होर्स रेस और कैसीनो के टैक्सेशन पर मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा की अध्यक्षता में 8 राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल की रिपोर्ट पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में एसयूवी और एमयूवी कारों पर 28 फीसदी जीएसटी रेट के अलावा 22 फीसदी मुआवजा सेस लगाने पर भी चर्चा की जाएगी. इसकी फिटमेंट कमेटी की ओर से सिफारिश की गई है. फिटमेंट कमेटी ने जीएसटी परिषद को यह स्पष्ट करने का भी सुझाव दिया है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाए, न कि 18 फीसदी.
कैंसर की दवा डिनुटुक्सिमैब के इंपोर्ट पर जीएसटी से छूट और रेयर बीमारियों का इलाज की वजह से फूड पर जीएसटी खत्म करने पर भी चर्चा की जाएगा. इस मीटिंग में अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की रूपरेखा पर भी चर्चा की जाएगी. मौजूदा समय में जीएसटी के सभी डिस्प्यूट नॉर्मल अदालतों में जाते हैं और लंबे समय के लिए लटक जाते हैं.