नालंदा संवाददाता : वीरेंद्र कुमार
नालंदा : बिहार के जिला नालंदा में पिछले 24 घंटे से लगातार रुक रुक कर हो रही झमाझम बारिश के कारण जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। वही रहुई प्रखंड मुख्यालय का मुख्य मार्ग कीचड़ में तब्दील हो गया है। आपको बता दें कि रोजाना रहुई प्रखंड में अपनी समस्याओं को लेकर सैकड़ों ग्रामीण आते और जाते हैं उनकी समस्या को भले ही रहुई प्रखंड के पदाधिकारियों के द्वारा दूर किया जाता है लेकिन विगत कई वर्षों से रहुई प्रखंड मुख्यालय का मुख्य मार्ग जीर्णशीर्ण अवस्था में है।
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प्रखंड मुख्यालय में बीते कई दिनों से लगातार जातीय जनगणना का भी कार्य चल रहा है। जिसमें सैकड़ों शिक्षकों को जातीय जनगणना के दूसरे फेज में लगाया गया है शिक्षकों को भी आने जाने में खासा परेशानी होती है। जातीय जनगणना में लगे शिक्षकों ने बताया कि इस मार्ग से आने जाने में हमेशा एक भय का माहौल बना रहता है।
भगवान भरोसे है सड़क मार्ग
लोगों की विकास करने वाला रहुई प्रखंड मुख्यालय खुद की समस्या से बीमार है। जब किसी के पास रहूई प्रखंड पदाधिकारी के आसपास की जगहों को शष्टम वित्त से चकाचक किया जा रहा है। झंडोत्तोलन स्थल से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय के आसपास पेपर ब्लॉक और पक्की ढलाई का काम किया जा रहा है जबकि मुख्य सड़क मार्ग को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है।
पटना हाई कोर्ट द्वारा रोक हटाते ही शुरू हुई जातीय गणना
नालंदा : बिहार के पटना हाई कोर्ट द्वारा रोक हटाते ही 89 दिनों के बाद बुधवार से बिहार में जातीय गणना का काम फिर से शुरू हो गया है। सरकार ने इसे युद्ध स्तर पर पूरा करने का भी निर्देश दिया है। प्रशासन विभाग के सूत्रों के अनुसार जाति आधारित गणना का कार्य लगभग 80% कार्य हाई कोर्ट के द्वारा रोक लगने से पहले ही पूरा कर लिया गया था।
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शेष बचे हुए 20% को काम अगस्त के तीसरे सप्ताह में पूरा होने की संभावना है। जनगणना में लगे शिक्षकों ने बताया कि नालंदा जिले में जाति गणना का छूटा हुआ कार्य शुरू हो गया है। जातीय गणना में लगे जितने भी परगणक हैं। वह अपने-अपने क्षेत्र में घूम-घूम कर गणना का कार्य में लग चुके हैं। पूर्व में चिन्हित घरों से 26 प्रकार की जानकारी को एकत्र करने का काम शुरू हो गया है। जानकारियां एकत्रित करने के बाद मोबाइल एप से अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया है। जातीय गणना का फर्स्ट फेज का काम 15 अप्रैल से शुरू हुआ था 4 मई को पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद बंद हो गया था।इस अवधि में फर्स्ट पज का काम पूरा हो चुका था। रहुई प्रखंड में लगभग 100 से अधिक शिक्षक लगाए गए है।