India China News: भारत-चीन के बीच हुए समझौते का असर अब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दिखाई देने लगा है एलएसी पर समझौते के बाद भारत और चीन दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने शुरु हो गए हैं। देपसांग और डेमचॉक इलाकों से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत हो गई है समझौते के मुताबिक भारत और चीन दोनों ने अपने एक-एक तंबू और इलाके में कुछ टेंपरेरी स्ट्रक्चर को भी ध्वस्त कर दिया है। डेमचॉक में भारतीय सैनिक चार्डिंग नाले के पश्चिम की तरफ पीछे की ओर चले गए हैं जबकि चीनी सैनिक भी नाले के दूसरी तरफ पूरब की अब वापस जा रहे हैं।
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भारत-चीन के बीच समझौते का दिखा असर
इससे पहले सोमवार को भारत ने घोषणा की थी कि,भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी पर गश्त के लिए एक समझौते पर राजी हुए हैं। इसके बाद से ही भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाने लगा क्योंकि पूर्वी लद्दाख में पिछले कई साल से दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध की खबरें आ रही थी। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार मामूली झड़प भी हुई जिससे तनाव की स्थिति बनी रही दोनों देशों के सैन्य प्रमुख के बीच बातचीत करने की कई बार कोशिश भी हुई लेकिन बात नहीं बन सकी।
देपसांग और डेमचॉक में सेना ने हटाया अपना-अपना टेंट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देपसांग और डेमचॉक में स्थानीय कमांडर स्तर की मीटिंग मंगलवार से शुरु हुई इसके बाद बुधवार को डेमचॉक में दोनों देशों की सेनाओं की तरफ से टेंट हटाया गया। इस दौरान सीमा पर बने कुछ टेंपरेरी स्ट्रक्चर को भी तोड़ा गया चीन के सैनिकों ने यहां से अपनी गाड़ियों की संख्या भी कम कर ली है भारतीय सैनिकों ने भी अपने जवानों की संख्या घटा दी है।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी झड़प
आपको बता दें कि,भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सोमवार को भारत-चीन के समझौते को लेकर बताया था कि,अब भारत और चीन के सैनिक इलाके में उसी तरह गश्त कर सकेंगे जैसे दोनों देशों के जवान सैन्य गतिरोध से पहले किया करते थे चीन के साथ सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। गौरतलब है कि,जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध काफी ज्यादा बिगड़ गए थे इस दौरान दोनों देशों के जवानों के बीच संबंध भी बिगड़ गए थे।
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ब्रिक्स समिट में मिले पीएम मोदी और शी जिनपिंग
इस बीच रुस में ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ब्रिक्स समिट को संबोधित करते हुए चीन को कड़ा संदेश दिया और कहा कि,जिन समझौतों पर सहमति बन चुकी है उसका दोनों देशों की तरफ से सम्मान होना जरुरी है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने जोर देकर यह कहा कि, देशों के बीच सभी विवादों को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाना चाहिए।