Maharajganj: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश और नेपाल द्वारा नारायणी नदी में पानी छोड़े जाने से भारत के तराई इलाके में स्थित महराजगंज जनपद में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है। नेपाल के तरफ से आज 04 लाख 41 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे सोहगीबरवा समेत कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया. वही सैकड़ों एकड़ फसल भी जलमग्न हो गए। वहीं जिलाधिकारी ने नदियों में बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत झूलनीपुर बैराज और सोहगीबरवा क्षेत्र का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिए और सभी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
रिहायशी इलाके में भी पहुंचा पानी
नेपाल के द्वारा नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद महाराजगंज जनपद में बहने वाली नारायणी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से बाढ़ जैसे हालात बन गए है.जिसकी वजह से सोहगीबरवा समेत कई गांवों में पानी घुस गया है. सैकड़ो एकड़ फसल भी जलमग्न हो गई है. वही घुघली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा बारी गांव पश्चिम टोला के सिवान में मौन नाले के टूटने की वजह से फसल जल मंगल हो गई. पानी रिहायशी इलाके में भी पहुंच गया.
किसान यूनियन ने चौराहे पर चक्का जाम किया
जब प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली तो ग्रामीण और किसान यूनियन ने चौराहे पर चक्का जाम कर दिया. वहीं प्रशासन के द्वारा सर्वे करा कर मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया तब जाकर जाम की स्थिति बहाल हुई. आपको बता दे कि नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण सोहगीबरवा क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अचानक नदियों के जलस्तर बढ़ने के कारण उनके गन्ना और धान की फसल का पूरी तरह से नुकसान हो गए हैं और उन्हें एक बार फिर बाढ़ का खतरा सता रहा है।
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कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह घिरे
आपको बता दे कि नेपाल से भारतीय क्षेत्र में बहकर आने वाली नदियों व नालों की उफान से हर साल एक तरफ जहां सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है. वही जनपद के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह घिर जाते हैं। कई दर्जन गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है और लोगों को अपना घर बार छोड़कर ऊंची जगहों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। शासन व प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद 2021 के मानसूनी बरसात में नेपाल से निकलकर आए नदियों नालों ने जमकर तबाही मचाई थी। जिसमें जनपद के 120 प्रभावित हुए थे तो 66 गांव पूरी तरह मैरुण्ड हो गए थे। जिससे हजारों एकड़ फसल, सड़क पुलिया सहित ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा था। वहीं इस बार भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।