Reasi Attack: जम्मू कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादी हमला करने वाले आतंकियों का तलाश तेज हो गई है. सेना और CRPF की 11 टीमें ऊपरी पहाड़ी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. इस हादसे को लेकर कई राजनेताओं व दिग्गजों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं. सेना और CRPF की 11 टीमें ऊपरी पहाड़ी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. आतंकी हमले की वजह से वैष्णो देवी धाम और अमरनाथ धाम पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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मिशन मोड में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा
बताते चले कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को खत्म करने के लिए मिशन मोड में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. बताया जा रहा है हमले के बाद आतंकी जंगल की तरफ भागे थे.इसलिए रियासी के जंगल को घेर लिया गया है. वहां पर कमांडो और ड्रोन भी उतारे गए हैं.
कितने बजे हुआ हमला ?
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादी हमला हुआ है. जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि करीब 41 लोग घायल हुए. तीर्थयात्रियों की बस शिव खोड़ी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैंप कटरा की ओर लौट रही थी,उसी समय आंतकियों ने बस को अपना निशाना बनाया और घात लगाकर हमला कर दिया.आतंकियों ने शिवखोड़ी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही तीर्थयात्रियों से भरी बस पर शाम करीब 06:15 मिनट पर हमला किया था.
हमले की टाईमिंग को लेकर उठ रहे सवाल
आपको बता दे कि इस हमले के समय को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है. जिस समय ये हमला हुआ,उस वक्त नरेंद्र मोदी रविवार को सवा सात बजे अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने वाले थे. कहा जा रहा है कि आतंकियों ने जानबूझकर ये हमला उसी समय किया.जंगल में छिपे आतंकवादियों ने बस पर घात लगाकर हमला किया. आतंकियों ने पहले बस के ड्राइवर को गोली मारी, जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया और बस खाई में जा गिरी. उसके बाद काफी देर तक फायरिंग की. हमले में बस के ड्राइवर और कंडक्टर दोनों की मौत हो गई. हमले में किसी तरह बच गए यात्रियों ने बताया कि बस के खाई में गिरने के बाद भी आतंकवादी गोली बरसाते रहे. ये बस उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही थी.
पुलिस उप महानिरीक्षक ने क्या कहा ?
उधमपुर-रियासी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक रईस मोहम्मद भट ने कहा, हमें कुछ सुराग मिले हैं. पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की 11 टीमें तलाशी अभियान में लगी हैं. आतंकवादियों को ढेर करने के लिए अलग-अलग मोर्चों पर संयुक्त रूप से काम किया जा रहा है. कॉम्बिंग ऑपरेशन में पुलिस, सेना, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को शामिल किया गया है. कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
इस हमले का ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डीआइजी ने कहा, हमारी कार्रवाई लगातार जारी है. हम अलग-अलग इनपुट के आधार पर काम कर रहे हैं. दो अलग-अलग मोर्चों पर काम करने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. जबकि जांच भी साथ में तेजी से चल रही है. पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, इस मामले पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन हमें कुछ सुराग मिले हैं और हम आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सुराग जुटा रहे हैं.
ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डीआइजी ने कहा..
उन्होंने कहा, चूंकि इस क्षेत्र में घने जंगल हैं. जल स्रोतों की कमी है. जंगल में आग का भी खतरा है. खड़ी ढलानों और प्राकृतिक छिपने की जगह हैं. सर्चिंग ऑपरेशन में सुरक्षा बलों के लिए यह बड़ी चुनौती है. सर्चिंग टीमें सावधानी से आगे बढ़ रही हैं. सेना और सीआरपीएफ के साथ कोऑर्डिनेशन में 11 टीमें तैनात की गई हैं. आतंकवादियों को मार गिराने के लिए संयुक्त प्रयास जारी है.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की निंदा की
बता दे कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की निंदा की और इसे क्षेत्र में शांति बाधित करने की दुर्भावनापूर्ण योजना का हिस्सा बताया. उन्होंने जम्मू और रियासी अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. सिन्हा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है. हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने आगे कहा, मैं लोगों को आश्वासन देता हूं कि रियासी में तीर्थयात्रियों पर हमले के पीछे और उनकी सहायता करने वालों को दंडित किया जाएगा.
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