Agniveer Martyr : देश की रक्षा के लिए हमारे जवान दिन-रात सरहद पर डटकर दुश्मनों पर नजर रखते है। वहीं, जरूरत पड़ने पर अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब भी देते है। मौसम कैसा भी हो गर्मी हो या कड़ाके की सर्दी जवान पूरी मुस्तैदी और ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं। इसी बीच देश की रक्षा करते हुए एक अग्निवीर ने अपने प्राणों की आहूति दे दी है। सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण शहीद हो गए हैं। बता दें कि अक्षय पहले अग्निवीर हैं, जो ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए हैं। सेना की लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने उनकी शहादत का सलाम किया है।
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अक्षय लक्ष्मण की शहादत हुई…
बता दें कि अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की शहादत हुई है,और देश के सबसे मुश्किल युद्ध क्षेत्र माने जाने वाले सियाचिन में वह ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं,इसके साथ अक्षय लक्ष्मण लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्निवीर भी हैं। वहीं लक्ष्मण की शहादत पर भारतीय सेना ने भावुक अंदाज में विदाई दी है,और सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे। जवान के पार्थिव शरीर को आज रविवार (22 अक्टूबर) को ही उनके घर भेजा गया।
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लक्ष्मण की मौत का कारण क्या?
सेना प्रमुख ने और भारतीय सेना के सभी रैंक के अधिकारियों ने सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी करते हुए शहीद हुए अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण को श्रद्धांजलि दी है। भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े है। वहीं काराकोरम पर्वतीय श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि लक्ष्मण की मौत का कारण क्या है।
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अग्निवीरों का नियम..
अग्निवीरों का सरकार की ओर से 44 लाख का बीमा भी कराया जाता है, और इसके ड्यूटी के दौरान अगर अग्निवीर का निधन हो जाता है तो परिवार को बीमा की रकम दी जाती है, और राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी मदद कर सकती हैं। बता दें कि अग्निवीरों को वेतन के अलावा तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल, भत्ता मिलता है। सैलरी, पेंशन और दूसरी सुविधाओं को लेकर काफी विरोध हुआ था और विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा था। अग्निवीर योजना के तहत सिर्फ जवानों की भर्ती होती है सेना के अधिकारी रैंक की नहीं।