लखनऊ संवाददता- मोहम्मद कलीम
लखनऊ : निगोहां के दयालपुर मजरा बाजपेयीखेड़ा गांव में चपटी की दवा पीने से बीमार हुये किसान के दो गौवंशो की गुरूवार शाम को मौत हो गयी। वहीं तीन गौवंशो की हालत गम्भीर बनी हुयी है।दयालपुर मजरा बाजपेयीखेड़ा गांव निवासी किसान सुनील पांडेय के बेटे शंशाक ने बताया कि बीते शनिवार को दयालपुर गांव में पशु चिकित्सा वैन से गौवंशो को पिलाने के लिये चपटी की दवा ली थी।
कोई सुधार नही
सोमवार शाम अपनी दो दुधारू गायों, दो बछड़ो व एक बछिया को चपटी की दवा पिला दी। जिसके बाद सभी पांचों गौवंशो की हालत बिगड़ गयी और वो अचेत हो गए। बुधवार को कन्ट्रोल रूम के 1962 नम्बर पर फोन कर गौवंशों के बीमार होने की सूचना दी, तब जाकर पशु चिकित्साधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर बीमार गौवंशों का इलाज शुरू किया, लेकिन कोई सुधार नही हुआ।
मृत गौवंशों का किया पोस्टमार्टम
गुरूवार सुबह भी टीम आकर बीमार गौवंशों की जांच कर दवायें दी, लेकिन कोई फायदा नही हुआ और शाम को एक गाय व एक बछड़े की मौत हो गयी। वहीं तीन गौंवशों की हालत अभी भी गम्भीर बनी हुयी है। पीडि़त किसान के बेटे शंशाक पांडेय की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लिखित शिकायत पर मृत गौवंशो का पोस्टमार्टम कराये जाने की बात कहकर वापस लौट गयी। जिसके बाद थाने पहुंचकर लिखित शिकायत देने पर पशु चिकित्साधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मृत गौवंशों का पोस्टमार्टम किया।
बाहर से खरीदी दवायें
किसान सुनील पांडेय ने बताया कि चपटी की दवा पिलाने के बाद गौवंशो की हालत बिगडऩे की कन्ट्रोल रूम पर सूचना के बाद पशु चिकित्सक टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो उनके पास जरूरी दवाये तो दूर ग्लूकोज की बोतल तक नही थी। जिसके बाद दो दिनो में करीब दस हजार के आस-पास की दवायें मेडिकल स्टोर से खरीदकर लाये फिर भी गौवंशो की जान नही बच सकी।
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वैन के ड्राईवर ने दी निर्देश थी
किसान के बेटे शंशाक ने बताया दयालपुर गांव में शनिवार को जब वो गौवंशो के लिये चपटी की दवा लेने गये थे वैन की अगली सीट पर डाक्टर आराम फर्मा रहे थे,जब उनसे समस्या बताई तो उन्होने वैन चालक से चपटी की दवा देने को कहा,जिसके बाद चालक ने चपटी की दवा देते हुये पिलाने की विधि भी बताई,लेकिन आराम फर्मा रहे डाक्टर ने कोई भी दिशा निर्देश नही दिये ना ही बाहर निकलकर आयें।