ज्ञानवापी: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को एक बड़ा झटका दिया है। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई सर्वे मामले में सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए एएसआई सर्वे करने को मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, ”न्यायहित में ASI का सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की आवश्यकता है।”
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आपको बता दें कि, हाईकोर्ट के जिला जज एके विश्वेश ने आदेश को बरकरार रखा। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया गया। अब ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से एएसआई का सर्वे की शूरूआत होगी ।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने पर कहा कि, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि एएसआई सर्वेक्षण के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी और ज्ञानवापी मुद्दा सुलझ जाएगा।
वुजूखाना व शिवलिंग छोड़कर बाकी स्थानों पर होगा सर्वे..
मस्जिद समिति ने कहा था कि संरचना एक हजार साल से अधिक पुरानी है और कोई भी खुदाई इसे अस्थिर कर सकती है, यह गिर सकता है। समिति ने ये भी तर्क दिया था कि ऐसा कोई भी सर्वेक्षण धार्मिक स्थलों के आसपास मौजूदा कानूनों का उल्लंघन है। हालांकि, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि सर्वेक्षण किसी भी तरह से संरचना में बदलाव नहीं करेगा और जोर दिया कि “एक ईंट भी नहीं हटाई गई है और न ही इसकी योजना बनाई गई है”.
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बता दें कि वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वुजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआइ सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। जिस पर आज सुनवाई हुई है।