बरेली ब्यूरो- शिवानी समदर्शी
बरेली: बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा निकाले जाने को लेकर रविवार को एक बार फिर दोनो समुदायों के लोगों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गयी। सूचना होते ही बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है साथ ही मौके पर पुलिस प्रशासन लोगों को समझाने बुझाने में जुटा हुआ है। मामले की सूचना पाकर मौके पर जिलाधिकारी, एसएसपी, एडीएम सिटी सीओ, थाना बारादरी इंस्पेक्टर समेत भारी फोर्स मौके पर मौजूद हैं और एकत्रित भीड़ को शांत करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार दूसरे समुदाय को सूचना मिली कि थाना बारादरी के जोगी नवादा क्षेत्र की मौर्य गली से निकलने वाला कांवड़ियों का जत्था शाह नूरी मस्जिद के मार्ग से गुजरने वाला है, इसीको लेकर दूसरे समुदाय ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
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अलर्ट मोड पर पुलिस प्रशासन
क्षेत्रीय लोगों का कहना रहा कि आज से पहले कभी भी मौर्य गली से निकलने वाला कांवड़ियों का जत्था शाह नूरी मस्जिद वाले मार्ग से नहीं निकला है, लेकिन इस बार जत्था यहां से निकालकर एक नई परम्परा डालने की कोशिश की जा रही है। इसी को लेकर स्थानीय लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं। लोगों ने ये भी बताया है कि शनिवार रात कुछ पुलिसकर्मी आये थे जिन्होंने बताया कि कल शाहनूरी मस्जिद वाले मार्ग से मौर्य गली का कांवड़ियों का जत्था गुजरेगा, इसमें सभी लोग सहयोग करें।
जिस पर दूसरे समुदाय के स्थानीय निवासियों ने कहा कि मौर्य गली के कावड़ियों के जत्थे को यहां से गुजरने नहीं दिया जाएगा क्योंकि मौर्य गली के जत्थे को आज से पहले कभी इस रास्ते से नहीं निकाला गया है। उन्होंने है भी कहा कि मौर्य गली के लोग कोई परमीशन या फिर पूर्व की कोई वीडियो दिखाएं जिसमें मौर्य गली का कांवड़ियों का जत्था शाह नूरी मस्जिद वाले मार्ग से गुजरा हो तो वो जत्थे को यहां से निकलने में खुद सहयोग करते हुए जत्थे का स्वागत भी करेंगे।
दोनो ही समुदायों के लोग आपस मे प्रेम भाव से रहते
उन्होंने कहा कि यहां दोनो ही समुदायों के लोग आपस मे प्रेम भाव से रहते हैं और उन्हें भी दूसरे समुदाय से कोई बैर नहीं हैं, लेकिन किसी नई परम्परा की भी यहां कोई गुंजाइश नहीं है इसीलिए वो लोग एक नई परम्परा के बनाये जाने का विरोध कर रहे हैं।
वहीं मौर्य गली के रहने वाले लोगों का कहना रहा कि वो लोग बीते 15-16 सालों से लगातार मौर्य गली से डीजे व ट्रैक्टर ट्राली लेकर शाह नूरी मस्जिद के मार्ग से जत्था ले जाते हुए बाबा वनखण्डी नाथ मंदिर पहुँचते हैं, अजर यहां अपने परिजनों से भेंट कर विदा लेते हुए जल भरने के लिए कछला घाट को रवाना होते हैं। इसको लेकर वो पिछले सालों की परमीशन भी दिखाने को तैयार हैं।
वहीं जत्थे को शाह नूरी मस्जिद मार्ग से निकालने पर दूसरे समुदाय द्वारा किये गए विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि बीते दिन मुहर्रम के जुलूस और ताजिये में उन्होंने पूरा सहयोग किया था लेकिन अब उनके जत्थे के निकलने का विरोध करना ठीक नहीं है। मामले को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है हर आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।