SC-ST Reservation Quota: हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी आरक्षण में “कोटा के अंदर कोटा” को मंजूरी दी है, जिससे इस मुद्दे पर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। इस फैसले के तहत, एससी/एसटी समुदाय के भीतर विभिन्न उप-समूहों को आरक्षण का हिस्सा देने की व्यवस्था की गई है, जिससे एक उप-समूह को अन्य उप-समूहों की तुलना में अधिक आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने लंबे समय से चल रही बहस को नया मोड़ दिया है। पहले एससी/एसटी आरक्षण के तहत कोटा में विभाजन की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब इस फैसले के बाद ऐसा करना संभव हो गया है।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कई राजनीतिक दल इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह कदम एससी/एसटी समुदाय के भीतर सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को दूर करने में मदद करेगा। तो वहीं इसके विरोध इसके विपरीत, राजद (राष्ट्रीय जनता दल) समेत कुछ अन्य दल इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस फैसले से समाज में और अधिक विभाजन होगा और यह आरक्षण की मूल भावना को कमजोर करेगा। राजद ने इस फैसले को चुनौती देने की बात की है और इसे बदलने की मांग की है।
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क्रीमी लेयर के प्राविधान पर जताई आपत्ति
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी पार्टी का हमेशा यह मत रहा है कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है। एससी/एसटी के आरक्षण का आधार जब आर्थिक है ही नहीं तो इसमें क्रीमी लेयर का प्राविधान क्यों लाया जा रहा है? यह निर्णय भारतीय संविधान की मूल भावना और 1932 पूना पैक्ट के खिलाफ है।तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं, बल्कि युगों-युगों से समाज में व्याप्त सामाजिक भेदभाव, छूआछूत और सामाजिक पिछड़ापन है।
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मांझी-अखिलेश का किया जिक्र
आज भी पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और अखिलेश यादव जब मंदिर जाते हैं तो कथित जन्म से श्रेष्ठ स्वयंभू लोग उस मंदिर तक को गंगाजल से धोते हैं। मुट्ठीभर लोग देश के करोड़ो दलितों-आदिवासियों के भाग्य विधाता नहीं बन सकते।
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केंद्र सरकार को दी चेतावनी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश के दलित, आदिवासी और वैधानिक दर्जा प्राप्त अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग अपना भला बुरा सोचने के लिए सक्षम है। सरकार उन पर अपना निर्णय थोपने का प्रयास न करे। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार अविलंब अध्यादेश लाकर वर्गीकरण से जुड़ी विसंगतियों को दूर करे अन्यथा दलित-आदिवासी भाई-बहनों के साथ सड़क पर संघर्ष होगा।