Pakistan News : देश विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ खुफिया एजेंसियां लगातार अपनी नजर रख रही हैं इसी कड़ी में इस तरह की गतिविधियों में शामिल वांटेड तहसीन उर्फ मोटा को यूपी एटीएस ने मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से गिरफ्तार कर लिया है.पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिलकर तहसीम भारत विरोधी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल था.मूल रुप से शामली का रहने वाले तहसीम ने पूछताछ में बताया कि,वो और उसका भाई कलीम पाकिस्तान आते-जाते रहते थे.इस दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान में आईएसआई के कुछ हैंडलर से हुई और उन्होंने उनको पैसों के लिए उनसे मिलकर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कहा और भारत में जिहाद फैलाने का अभियान चलाने की बात कही।
Read more : Rahul Gandhi का BJP पर वार! सत्य जीतेगा, न्याय होगा..
जिहाद फैलाने के लिए ISI एजेंट के संपर्क में आया तहसीम
तहसीम ने पूछताछ में बताया कि,आईएसआई के हैंडलरों ने उन्हें जिहाद फैलाने के लिए असलहा और गोला-बारूद देने की बात कही उसने कहा,तुम अपने लोगों को तैयार करो जो अलग-अलग जगहों पर दंगा-फसाद कर सकें जिससे भारत में शरिया कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित कर इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके.तहसीम और कलीम ने फर्जी सिम प्राप्त कर वाट्सएप से पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा को संवेदनशील सूचनाएं भी भेजी थी।
Read more : Ayodhya के चप्पे-चप्पे पर UP पुलिस की नजर, ऐसा रहेगा सुरक्षा का फुल प्लान
फेक करेंसी और ड्रग्स तस्करी में शामिल रहा
तहसीन की गिरफ्तारी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि,तहसीम और कलीम ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं उन दोनों की पाकिस्तान में आईएसआई के कुछ हैंडलरों से जान पहचान हो गई थी.जिसके बाद हैंडलरों ने दोनों भाइयों को पैसों का लालच देकर कहा कि,तुम लोग भारत में जिहाद फैलाओ,हम तुम्हें असलहा,बारूद के साथ आर्थिक मदद भी देंगे साथ ही उन्होंने भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए लोगों को तैयार करने के लिए भी कहा गया था।
उसने बताया कि वो 2002 में पाकिस्तान में पान-कत्था और मसाला बेचने गया था जहां से वो आईएसआई के साथ मिलकर फेक करेंसी और ड्रग्स की भारत में सप्लाई करने लगा था….ये दोनों फेक सिम से व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते थे और देश के भीतर बैठकर आईएसआई एजेंट को संवेदनशील सूचनाएं भेजते थे।
Read more : Jammu-Kashmir में आतंकी गतिविधियों पर सेना प्रमुख का बड़ा बयान…
पान-कत्था और मसाला बेचने गया था पाकिस्तान
पूछताछ में तहसीम ने बताया कि, वो और उसका भाई लाहौर में हमीदा के यहां रहते थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात लाहौर के ड्राई फूड की दुकान करने वाले इकबाल काना के सहयोगी केसर से हो गई. केसर ने उसे नकली नोट सप्लाई करने के धंधे में लगा लिया था. तहसीम ने ये भी बताया कि, केसर के माध्यम से ही उसकी पहचान दिलशाद मिर्जा से हुई थी. दिलशाद ने ही उसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. तहसीम ने पूछताछ में ये भी जानकारी दी कि,पाकिस्तान से वापस आने के बाद इकबाल काना और केसर ने तहसीम को फोन कर नकली करेंसी भेजना शुरू कर दिया।
हर खेप में वो 2 लाख से लेकर 7 लाख रूपये तक की रकम भेजता था.रुपयों की खेप को वो कभी दिल्ली तो कभी अमृतसर से रिसीव करता था. गुरुवार को STF के अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, अगस्त 2023 में शामली कोतवाली क्षेत्र से 6 लाख के नकली नोट के साथ इमरान नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में तहसीम उर्फ मोटा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी के साथ ही तहसीम के भाई कलीम को भी गिरफ्तार किया गया था और जांच में पाया गया था कि उसके सम्बंध ISI से पाए गए थे. हालांकि, तब तक तहसीम फरार चल रहा था. उसकी तलाश में टीमें लगी हुई थीं. अब उसे पकड़ने में सफलता मिली है।
Read more : कई राज्यों में ठंड का कहर,जानें देशभर के मौसम का हाल..
डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने दी पूरी जानकारी
इस पूरे मामले पर डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि,अगस्त 2023 में शामली कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बर्फ करने वाली गली से 6 लाख के नकली नोट के साथ इमरान को गिरफ्तार किया गया था.इस मामले में तहसीम उर्फ मोटा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.जो 2002 में पाकिस्तान कत्था मसाला बेचने गया था इसके बाद वो वहां आईएसआई एजेंटों के साथ मिलकर फेक करेंसी और ड्रग्स की भारत में सप्लाई करने लगा था.13 अगस्त 2023 को उसके भाई कलीम को एसटीएफ मेरठ ने गिरफ्तार किया था जिसका संपर्क आईएसआई से होना पाया गया।