Teachers Day: दुनियाभर में जहां टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, वहीं भारत में यह विशेष दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में गुरु के महत्व को दर्शाना है। शिक्षक, जो बिना किसी स्वार्थ के बच्चों को सकारात्मक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, समाज में एक बेहतर इंसान बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। यह दिन हर शैक्षिक संस्थान में उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
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शिक्षक दिवस किसी उत्सव से काम नहीं
5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। स्टूडेंट्स इस दिन अपने शिक्षकों को उपहार देते हैं, विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और उनके प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करते हैं। इस दिन की विशेषता यह है कि यह केवल शिक्षकों की उपलब्धियों को सराहने का दिन नहीं है, बल्कि गुरु के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का भी एक खास अवसर है।
5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों?
भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की खास वजह है डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रहे, एक महान शिक्षक और विद्वान थे। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए उनकी जयंती 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है। डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए थे और उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनके छात्रों ने चाहा कि वे धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाएं, लेकिन डॉ. राधाकृष्णन ने इसे टीचर्स डे के रूप में मनाने का सुझाव दिया। इस तरह, उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया जाता है और उनकी शिक्षण पद्धतियों की सराहना की जाती है।
गुरु का शास्त्रों में महत्व
गुरु का महत्व शास्त्रों में भी अत्यधिक माना गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, और महेश्वर के समान ही मान्यता प्राप्त है। संस्कृत श्लोक “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।” के माध्यम से गुरु को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है, यह दर्शाता है कि गुरु का स्थान आध्यात्मिक और शैक्षिक दोनों ही क्षेत्रों में सर्वोच्च होता है।
टीचर्स डे 2024 की थीम
टीचर्स डे को खास बनाने के लिए हर साल एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है। टीचर्स डे 2024 की थीम “सतत भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना” रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य शिक्षकों को उनके पेशे में और भी सशक्त और समर्थ बनाना है, ताकि वे समाज को शिक्षित कर सकें और किसी भी देश की उन्नति में अपना योगदान दे सकें। यह दिन जीवन के किसी भी पड़ाव पर मार्गदर्शक की भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों के प्रति आभार प्रकट करने का भी अवसर प्रदान करता है।
शिक्षक दिवस भारत में न केवल शिक्षकों की भूमिका को सम्मानित करने का दिन है, बल्कि यह शिक्षा के महत्व और शिक्षक-शिष्य संबंधों को भी प्रदर्शित करता है। इस दिन की विशेषता यह है कि यह समाज के हर वर्ग को यह एहसास कराता है कि शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान कितना महत्वपूर्ण है। यह अवसर शिक्षकों को प्रेरित करता है और समाज को उनके योगदान की सराहना करने की प्रेरणा देता है।