Digital Attendance in UP: उत्तर प्रदेश के जिले में स्थित 270 परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने डिजिटलाइजेशन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। इन शिक्षकों द्वारा शिकायत की जा रही है कि ऑनलाइन उपस्थिति (Digital Attendance) के निर्देशों ने उनके वेतन और अधिकारों में विभाजन कर दिया है। सोमवार को, शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट और बीएसए कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज उठाई। इसके बावजूद, उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और उन्होंने मंगलवार को अपना सामूहिक त्यागपत्र भी सौंप दिया।
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शिक्षकों का विरोध जारी
शिक्षकों की मुख्य मांग है कि उन्हें विभिन्न अवकाशों में सुधार किया जाए, जैसे 31 अपार्टमेंट अवकाश, 14 अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश, नि:शुल्क चिकित्सा प्रतिपूर्ति, और द्वितीय शनिवार अवकाश। ये मांग शिक्षकों के लिए उनके अधिकारों की सुरक्षा और उनके कामकाज में सुधार लाने के लिए की जा रही है। शिक्षकों ने बताया कि वे इस मामले में विरोध के लिए तैयार हैं और इस आंदोलन को जारी रखने की स्थिति में हैं। उन्होंने सभी 54 न्याय पंचायतों में तैनात होने वाले 270 संकुल शिक्षकों द्वारा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर अपना सामूहिक त्यागपत्र संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपा है।
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सरकारी कार्रवाई का इंतजार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा दी गई सरकारी निर्देशों के बाद, शिक्षकों की आंदोलन की समस्याएं हल करने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। वे शिक्षा व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए इस समस्या का समाधान ढूंढने में जुटे हुए हैं। यह घटना उत्तर प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल युग की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें सरकार और शिक्षकों के बीच सहमति के मामले पर खींचतान चल रही है। शिक्षकों की मांगों को समझकर इसका समाधान निकालना महत्वपूर्ण है, ताकि शिक्षा क्षेत्र में सुधार और प्रगति हो सके।
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8 जुलाई से शुरू हुआ था डिजिटल अटेंडेंस
उत्तर प्रदेश (UP) के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार, 8 जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल (Online) अटेंडेंस की शुरुआत हो गई थी। इसके साथ ही इस नए कदम के खिलाफ विरोध के स्वर भी मुखर हो रहे हैं। शिक्षकों ने बरसात के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक समस्याओं का हवाला देते हुए डिजिटल अटेंडेंस (Digital Attendance) में रियायत देने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे विरोध करेंगे।
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