Auto Fare In Delhi: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) क्षेत्र में इस समय टैक्सी चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूलने की समस्या सामने आ रही है. वर्तमान में यात्रियों को सामान्य से 40 से 50 प्रतिशत अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है. यह वृद्धि मुख्यतः रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के कारण मानी जा रही है, साथ ही कल से शुरू हो रही ऑटो और टैक्सी चालकों की हड़ताल भी इसके पीछे एक बड़ा कारण बताई जा रही है.
किराए में अत्यधिक उछाल
बताते चले कि ओला, उबर और रैपिडो जैसी एप आधारित कैब सेवाओं में किराए में अत्यधिक उछाल देखा जा रहा है. आम दिनों में जिन यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए 150 रुपये का किराया देना पड़ता था, उन्हें वर्तमान में 250 से 300 रुपये तक का किराया देना पड़ रहा है. इस स्थिति की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर कई चालक अपने घर चले गए हैं, जिससे ऑटो और टैक्सी की उपलब्धता में कमी आई है और कंपनियों ने किराए में वृद्धि कर दी है.
22 और 23 अगस्त को हड़ताल की घोषणा
आपको बता दे कि दिल्ली में 22 और 23 अगस्त को ऑटो और टैक्सी चालकों द्वारा हड़ताल की घोषणा की गई है. इस हड़ताल के दौरान लगभग चार लाख परिवहन वाहनों के सड़कों से हटने की संभावना है, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. हड़ताल के चलते ऑटो, टैक्सी और एप आधारित कैब सेवाएं प्रभावित होंगी. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के 15 से अधिक ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने संयुक्त रूप से दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है. इन संगठनों का आरोप है कि एप आधारित कैब सेवाएं ऑटो और टैक्सी चालकों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रही हैं और एप कंपनियां चालकों से उच्च कमीशन ले रही हैं. संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस समस्या का समाधान करने की मांग की है.
जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
ऑटो चालकों ने अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है. ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने बताया कि हड़ताल की तैयारी को लेकर एक बैठक की गई थी. बैठक में लंबे समय से चली आ रही मांगों पर चर्चा की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि एप कंपनियां कैब चालकों से अत्यधिक कमीशन वसूल कर रही हैं और उनके शोषण को बढ़ावा दे रही हैं.
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