Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) खरीदकर राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली कंपनियों पर इस वक्त टैक्स अथॉरिटीज़ की कड़ी नजर है। मिली जानकारी के अनुसार, जिन कंपनियों ने राजनीतिक दलों को डोनेशन (Donation) दिया था, उन्हें अब टैक्स अथॉरटीज़ से नोटिस मिल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में इलेक्टोरल बॉन्ड्स को असंवैधानिक करार दिया था।
कुछ कंपनियों को इस बात पर नोटिस मिले हैं। ये वे कंपनियां हैं जिन्होंने चंदे में योगदान के लिए टैक्स छूट का दावा किया था। मिली रिपोर्ट के अनुसार, इनमें प्रमुख नाम हैं- इंफोसिस, एम्बैसी ग्रुप, मेघा इंजिनियरिंग, आदित्य बिड़ला ग्रुप, जेएसडब्ल्यू स्टील, टोरेंट फार्मा, लूपिन, इन्टास, भारती एयरटेल और अलेम्बिक फार्मा।
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आगे की स्थिति
जनवरी 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) स्कीम की शुरुआत के बाद से, इस माध्यम से राजनीतिक दलों को 16,518 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था, जिससे कॉरपोरेट्स के बीच टैक्स के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ गई। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट्स ने आगामी बजट में हस्तक्षेप और संभावित राहत की मांग करते हुए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है। भारतीय जनता पार्टी ने (BJP) कुल ₹6,986.5 करोड़ के चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें से 2,555 करोड़ 2019-20 में प्राप्त हुए। तृणमूल कांग्रेस (TMC) को ₹1,397 करोड़, कांग्रेस (Congress) को ₹1,334.35 करोड़, और भारत राष्ट्र समिति (BRS) को ₹1,322 करोड़ के चुनावी बॉन्ड मिले।
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अन्य दलों को भी मिला चंदा
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को ₹656.5 करोड़ मिले, जिसमें फ्यूचर गेमिंग से ₹509 करोड़ शामिल हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) को ₹14.05 करोड़, अकाली दल को ₹7.26 करोड़, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को ₹6.05 करोड़, और नेशनल कॉन्फ्रेंस को ₹50 लाख मिले।
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क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड योजना?
भारत सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) योजना की घोषणा 2017 में की थी और इसे 29 जनवरी 2018 को लागू किया गया था। यह राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है, जिसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की चुनिंदा शाखाओं से खरीदा जा सकता है। इलेक्टोरल बॉन्ड में भुगतानकर्ता का नाम नहीं होता है, और इसे गुमनाम तरीके से दान किया जा सकता है।
बॉन्ड की विशेषताएं
इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, एक लाख रुपये, दस लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के मूल्य में खरीदे जा सकते हैं। इनकी अवधि केवल 15 दिनों की होती है, जिसके दौरान इसे पंजीकृत राजनीतिक दलों को दान दिया जा सकता है। योजना के तहत चुनावी बॉन्ड जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में 10 दिनों की अवधि के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं। इन्हें लोकसभा चुनाव के वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित 30 दिनों की अतिरिक्त अवधि के दौरान भी जारी किया जा सकता है।