फादर्स डे 2023ः
फादर्स डे दुनिया भर के कई देशों मे अपने पिताओं को सम्मान देने और उनकी सराहना करने के लिए मनाया जाने वाला एक विशेष व शुभ अवसर है। फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल 2023 को फादर्स डे 18 जून का पड़ा।
फादर्स डे की स्थापनाः
बताते चले की फादर्स डे की स्थापना स्पोकेन, वाशिंगटन की एक महिला सोनोरा स्र्माट डोड ने की थी। डोड को 1909 में एक मदर्स डे चर्च सेवा में भाग लेने के बाद छुट्टी मनाने के लिए प्रेरित किया गया था। वह विलियम जैक्सन स्मार्ट नाम के एक नागरिक की बेटी थी। जिन्होने उन्हे और उनके पांच भाई बहनों को पिता के रूप मे पाला था। डोड ने महसूस किया कि पिता अपनी मान्यता के विशेष दिन के हकदार है। इसीलिए उन्होंने फादर्स डे की स्थापना के लिए एक विशेष अभियान चलाया।
पहला फादर्स डेः
पहला फादर्स डे को 19 जून 1910 को स्पोकेन मे मनाया गया। डोड का यह अभियान सफल रहा। और बहुत जल्दी यह छुट्टी पूरे सयुंक्त देश मे फैल गई। और सन् 1972 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर छुट्टी की मान्यता दे दी गयी।
फादर्स डे पर पिता का महत्वः
फादर्स डे पर पिता का महत्व और पिता के रूप को उनके प्यार, समर्थन और मार्गदर्शन और आर्शीवाद के लिए सम्मानित करना है। पिता अपने बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। पिता अपने बच्चें के विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वह अपने बच्चों से प्यार , समर्थन, मार्गदर्शन प्रदान करते है। पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनके शिक्षा , स्वास्थ और अच्छी तरह से समयोजित वयस्कों में बढ़ने की मद्द करते है। पिता अपने बच्चों के कड़ी मेहनत , ईमानदारी और जिम्मेदारियों के निर्वहन के बारे सिखातें है।
बच्चों के प्रति पिता का प्यार और स्नेह
एक पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते है। पिता अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए खुद कड़ी मेहनत मजदूरी करके उन्हे पढ़ाते लिखाने का प्रयास करते है। खुद पुराने कपड़े पहनकर त्योहार कर लेते है पर अपने बच्चों को नये कपड़े जरूर लाते है। बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ की चिंता एक पिता के ऊपर बनी रहती है। एक पिता अपने बच्चों की अपनी हैसियत के हिसाब से आवश्यकताएं पूरी करने की कोशिश करते है। एक पिता की अपने जीवन काल मे सबसे ज्यादा चिंता अपने बच्चों के भविष्य के लिए बनी रहती है। एक पिता का अपने बच्चों के प्रति सदा प्यार और स्नेह बना रहता है।
पिता के लिए कुछ लाइने
धूप में छांव जैसा
बारिश में छत जैसा
सर्दी मे रजाई जैसा
एक पिता का किरदार पिता बनकर ही समझ आता है कि किस तरह अपनी इच्छाओं को दबाकर मुस्कारते हुए चेहरे के साथ जीना है। ना होते हुए भी अपने बच्चों की इच्छाओं को पूरा करना कोई एक पिता से सीखें जो अपना सर्वच्छ न्यौछावर कर देते है।