Supreme Court News:सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा-वृंदावन स्थित डालमिया फार्म में 454 पेड़ों को काटने वाले शख्स पर भारी जुर्माना लगाया है। इस पेड़ कटाई के मामले में अदालत ने कहा कि इस कृत्य को इंसान की हत्या से भी बदतर मानते हुए, हर पेड़ पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यह निर्णय लिया, जिसमें इस व्यक्ति पर प्रति पेड़ जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई थी।
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कोर्ट की सख्त टिप्पणी और जुर्माने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना एक गंभीर अपराध है, जो इंसान की हत्या से भी बदतर है। इस कृत्य के बाद पर्यावरण पर इसका बहुत गंभीर प्रभाव पड़ेगा, और इसे सुधारने में कम से कम 100 साल लगेंगे। अदालत ने इस व्यक्ति द्वारा काटे गए 454 पेड़ों को दोबारा उगाने के लिए आवश्यक प्रयासों की बात की और कहा कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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अदालत ने जुर्माना कम करने की याचिका खारिज की

इस मामले की सुनवाई के दौरान, आरोपी व्यक्ति ने जुर्माना कम करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ठुकरा दिया। अदालत ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना कोई मामूली अपराध नहीं है, और ऐसे अपराधों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता। जुर्माना लगाए जाने के बाद अब आरोपी को हर एक पेड़ के बदले 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा।
केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट

इस मामले में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) ने अपनी रिपोर्ट में इस शख्स पर प्रति पेड़ 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार की अवैध पेड़ कटाई से पर्यावरण का गंभीर नुकसान हुआ है और इसे ठीक करने में कई दशकों का समय लग सकता है। अदालत ने इस सिफारिश को स्वीकार करते हुए जुर्माना लगाने का आदेश दिया।