Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अपनी स्थिति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें चिकित्सक की अप्राकृतिक मृत्यु की घटनाओं और दुष्कर्म की गंभीर घटनाओं को लेकर विभिन्न पक्षों से रिपोर्टें और प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जतायी नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कोलकाता पुलिस द्वारा महिला चिकित्सक की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में हुई देरी को लेकर नाराजगी जताई थी। अदालत ने कहा कि यह घटना अत्यंत परेशान करने वाली है और इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्टों में, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर की अनुपस्थिति के दौरान 23 लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की ट्रेनी महिला पीजी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को बेहद गंभीर माना। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि इस मामले में प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं का पालन समय पर क्यों नहीं किया गया।
राष्ट्रीय कार्य बल का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) का गठन करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसे भयावह घटना करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर राज्य सरकार से भी अप्रसन्नता जताई। यह निर्णय अदालत द्वारा स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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केंद्र की तरफ से अवमानना की याचिका दाखिल
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि पश्चिम बंगाल सरकार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को पूर्ण सहयोग देने का निर्देश जारी किया जाए। इसके अलावा, केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की है। यह कदम अदालत द्वारा पारित आदेशों के जानबूझकर पालन न करने के खिलाफ उठाया गया है। कोलकाता में चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के मामले ने न्यायिक और राजनीतिक हलकों में गहरा प्रभाव डाला है। सभी संबंधित पक्षों से पूर्ण रिपोर्ट और कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।