रायबरेली संवाददाता- बलवंत सिंह
रायबरेली के पुलिस आफिस का पोर्टिको आज उस वक्त कप्तान के दफ्तर में तब्दील हो गया जब पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी जनसुनवाई के बाद खाना खाने घर जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक ने अपने वाहन के बोनट को मेज़ बनाया और दर्जनों फरियादियों को वहीं खड़े खड़े न केवल सुना बल्कि संबंधित मातहत को निर्देश भी देते रहे। लगभग आधे घंटे तक पुलिस आफिस के पोर्टिको का यह नजारा देखकर लोग हैरत में पड़ गए। पुलिस आफिस के पोर्टिको में क्यों पुलिस अधीक्षक ने लगा दी जनसुनवाई और क्यों वाहन के बोनट को मेज़ बनाकर मातहतों को देने लगे निर्देश आइए जानते हैं। दरअसल फरियादियों से बात करने के बाद मालूम हुआ कि यह वो लोग थे जो जिले के दूरदराज इलाकों से आए थे।
फरियादी मायूस होकर वापस लौट ही रहे थे…
थानों में सुनवाई न होने के चलते जब यह लोग पुलिस आफिस पहुंचे तो जनसुनवाई का समय समाप्त हो गया था। जनसुनवाई के बाद पुलिस अधीक्षक प्रशासनिक कार्य निपटा रहे थे लिहाजा इन फरियादियों को अंदर जाने से रोक दिया गया। तीस पैंतीस किलोमीटर दूर से पहुंचे ये फरियादी मायूस होकर वापस लौट ही रहे थे तभी पुलिस अधीक्षक जनसुनवाई और प्रशासनिक कार्य निपटाकर बाहर निकले तो बड़ी तादाद में लोगों को वहां खड़ा देखकर चौंक गए। उन्होंने वहां खड़े फरियादियों में से एक के हाथ में एप्लीकेशन देखकर पास बुलाया तो दर्जनों फरियादी पोर्टिको में खड़े वाहन के इर्द गिर्द इकट्ठा हो गए। पुलिस अधीक्षक ने बिना किसी को निराश किए हुए सभी की न केवल फरियाद सुनी बल्कि संबंधित को निर्देश भी दिया।
30 किलोमीटर दूर से पहुंचे घनश्याम…
जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर से पहुंचे घनश्याम ने बताया कि थाने में चक्कर लगा लगा कर वह थक गए थे इसलिए यहां पुलिस अधीक्षक के पास आए थे। अपना साधन था नहीं इसलिए पहुंचने में देर हो गई। उन्होंने कहा देरी के चलते उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पुलिस कप्तान से मुलाकात हो सकेगी लेकिन निकलते समय उन्होंने खुद बुलाया तो विश्वास नहीं हुआ।
इसी तरह लगभग 20 किलोमीटर दूर हरचंदपुर से पहुंचीं राजकुमारी छेड़छाड़ का शिकार हुई थीं और थाना उनकी सुन नहीं रहा था। थाने से मायूस होकर वोह पुलिस आफिस पहुंचीं तो देर हो गई थी। मायूस होकर वापस लौट रही थीं तभी पोर्टिको में शुरू हुई जनसुनवाई का हिस्सा वोह भी बन गईं।