सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक का (15 अगस्त) को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। बता दे कि वैशाली के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के पोहियार बुजुर्ग पंचायत के रामपुर बघेल रहने वाले डॉ. पाठक के निधन से पूरे इलाके में गम का माहौल है।
बिहार ने आजादी के इस महोत्सव पर अपना एक महान लाल खो दिया है। बता दे कि इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार (15 अगस्त) को निधन हो गया। डॉ. पाठक ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था।
डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) की मदद से सांस देने की भी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। डॉ. बिंदेश्वर पाठक मंगलवार सुबह 10:30 मिनट पर अपने आवास महावीर एंक्लेव स्थित सुलभ ग्राम पहुंचे। यहां उन्होंने करीब 11 बजे ध्वजारोहण किया।
पीएम मोदी ने जताया दुख…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है. वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया.” पीएम मोदी ने कहा, “बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया था. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया. हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा.”
सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना…
पाठक ने 1970 में खुले में शौच और अस्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों को खत्म करने के लक्ष्य के साथ सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की। संगठन के अग्रणी प्रयासों से क्रांतिकारी सुलभ शौचालय का विकास हुआ, जो एक कम लागत वाला, पर्यावरण-अनुकूल समाधान है जिसने पूरे देश में स्वच्छता प्रथाओं में क्रांति ला दी।
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हाल ही में रामपुर में स्थापित किया था हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर…
बीते 17 अप्रैल को वह अपने गांव रामपुर बघेल एक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का उद्घाटन भी किया था। इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निर्माण उन्होंने ही अपने से कराया था। इस दौरान उन्होंने इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के माध्यम से महिलाओं लड़कियों को कौशल विकास के प्रशिक्षण देने की बात कही थी।
बिंदेश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है। श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी। उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।
पद्म भूषण से हो चुके हैं सम्मानित…
बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे, 80 वर्षीय बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया। बिंदेश्वर पाठक को एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।