Blood Sugar का अक्सर बढ़ते रहना सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना गया है। वक्त के साथ-साथ इसके कारण न सिर्फ टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है साथ ही ये आंखों, किडनी, हार्ट और पाचन तंत्र के लिए भी हानिकारक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बता दे, सभी लोगों को अपना शुगर कंट्रोल रखने के लिए लगातार प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं।
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विशेषज्ञ कहते हैं, ब्लड शुगर का सामान्य (General) स्तर 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर के मध्य होता है। भोजन के उपरांत अगर आपका शुगर लेवल लगातार 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर या इससे ज्यादा होता है तो आपको सचेत (Alert) होने की आवश्यकता है। क्योकि डायबिटीज की स्थिति कुछ मामलों में बहुत खतरनाक हो जाती है, साथ ही लोगों को इसके कारण पैर कटाने तक की नौबत आ सकती है। शायद यही कारण है कि नियमित (Regular) अंतराल पर अपने शुगर लेवल की जांच करते रहें और अगर ये बढ़ा हुआ रहता है तो समय रहते आप डॉक्टर से मिलकर इसका उपचार प्राप्त कर सकते है ।
ब्लड शुगर बढ़ने के नुकसान
बता दे, डायबिटीज की वजह आपने आंखों की रोशनी कम होने, किडनी पर प्रभाव होने सहित और शरीर के कई अन्य अंगों से संबंधित समस्याओं के बारे में सुना-देखा होगा। मगर आपका शुगर लेवल अक्सर हाई रहता है तो इससे डायबिटिक फुट नाम की समस्या हो सकती है। ये कई मामलों में खतरनाक है, गंभीर स्थितियों में रोगी की जान बचाने के लिए पैरों को काटना भी तक पड़ सकता है। साथ ही डॉक्टर्स बता दे, हैं डायबिटीज की गंभीर स्थिति रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने लग जाती है, जिसकी वजह से कुछ लोगों को डायबिटिक फुट बीमारी का खतरा हो सकता है।
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क्या होती है डायबिटिक फुट बीमारी?
डॉक्टर्स बताते है कि, डायबिटिक न्यूरोपैथी की दिक्कत है। जो पैरों की नसों को नुकसान पहुंचने लगता है, इसके वजह से अक्सर पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता बनी रहती है। इस पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो पैर की उंगलियां और अन्य हिस्सों में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है जिससे कोशिकाएं डेड होने लग जाती है। आगे कहते है, पैरों पर काले धब्बे दिखना इसका संकेत है, शुगर बढ़े रहने के कारण ये अल्सर में बदलने लगते हैं। इस स्थिति में प्रभावित हिस्से को काटने तक की संभावनाएं आ सकती है। पैरों में इसका असर अधिक देखा जाता रहा है।
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डायबिटिक फुट में क्या समस्या आती है?
डायबिटिक फुट और अल्सर की समस्या मधुमेह वाले लगभग 20 % रोगियों में देखी जाती है। पैरों में खून का संचार कम हो जाने के कारण वहां की कोशिकाएं मरने लगती हैं जिसके कारण सड़न और घाव हो सकती है। पैरों की उंगलियों, तलवे या ऊपरी सतह पर सड़न और घाव होने की स्थिति में सुधार न होने पर प्रभावित हिस्से की सर्जरी करनी होती है जिससे अन्य हिस्से को बचाया जा सके। इस तरह की समस्या को जानलेवा भी माना जाता है।कुछ लोगों के पैर से डिस्चार्ज होने लग जाता है। यह समस्या तेजी से बढ़ने लगती है और पूरे पैर में भी फैल सकती है। पैरों में काले दाग, फफोले, असामान्य सूजन, जलन, लालिमा, नीले निशान और अजीब गंध जैसे डायबिटिक फुट के संकेतों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।