Mirzapur संवाददाता : रामलाल साहनी
Mirzapur : Mirzapur जनपद के मां विंध्यवासिनी के धाम में भागवत कथा करने आए मानस महाराज ने प्रेस वार्ता के जरिए अयोध्या में प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी बात कही उन्होंने कहा की शंकराचार्यों का मांग बिल्कुल सही है भाजपा सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए विचार विमर्श करना चाहिए सनातन धर्म के चार स्तंभ है हर स्तंभ के लिए शंकराचार्यों को रखा गया है जिसका जो स्थान है उसको वह स्थान देना चाहिए।
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ऋषि परंपरा के देश में एक देवता की स्थापना..
राम मंदिर बन रहा है इसके पीछे सनातन धर्म के संत महात्माओं का हाथ है उनका बलिदान है उन्होंने अपने खून से एक-एक ईट को जोड़ा है कहीं ना कहीं उनके बलिदान हम छोड़ रहे हैं उनको दरकिनार कर रहे हैं मुझे राम मंदिर बनने की अत्यंत प्रसन्नता है कहीं ना कहीं यह बात खटक रही है हमारा देश सनातन धर्म का देश है इस ऋषि परंपरा के देश में एक देवता की स्थापना हो रही है इसमें धर्माचार्य को ऋषि महात्माओं को ऋषियों में जिन्हें सर्वप्रथम गिनती की जाती है शंकराचार्य उन शंकराचार्य को दरकिनार करके कहीं ना कहीं भाजपा कहीं ना कहीं अपने सट्टा की रोटी सेक रही है भले ही रोटी सेक यह मुद्दा बना दे कि भाजपा ने मंदिर बनवाया है लेकिन भाजपा का मंदिर मुद्दा नहीं था।
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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अधूरी है..
भाजपा ने इसके पीछे मेहनत किया इसके लिए वह धन्यवाद और साधुवाद के पात्र हैं शिलान्यास मोदी जी के हाथों हो रहा है इसका अत्यंत दुख है यह स्थान शंकराचार्य का है सनातन धर्म के सर्वोच्च व्यक्ति जब उसमें शामिल नहीं रहेंगे उसे मंदिर की स्थापना की पूजा की प्रकल्प कहीं ना कहीं अधूरे रह जाएंगे जीवन परयंत शंकराचार्यों के मन में भी कचोटता रहेगा देश को भी यह बात खटकती रहेगी भारत सरकार से अनुरोध है शंकराचार्य की जो मांग है उनके बातों को सोचकर समझ के भले उनके हाथों से प्राण प्रतिष्ठा ना हो यदि वह उसे कार्यक्रम में सम्मिलित नही होते हैं तो जान लीजिए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अधूरी है और जीवन पर्यंतक अधूरी रहेगी।
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शंकराचार्य जी ने स्वयं बयान दिया..
राम मंदिर की स्थापन प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो और राजनीतिक स्तर का व्यक्ति जिसकी श्रेणी केवल भारत है राजनीतिक स्तर केवल भारत है यह विश्व का नेतृत्व करते होंगे लेकिन भगवान का नेतृत्व करना साधारण नहीं है मैं यह कहता हूं कि यदि शंकराचार्य जी से योग्य है मोदी जी तो मोदी जी करे राम मंदिर की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा में वह प्रमुख यजमान बने यदि वह शंकराचार्य जी योग्य नहीं है तो उनको यह अधिकार नहीं है।
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सनातन धर्म का आना कहां हो रहा..
आदिगुरु शंकराचार्य ने चार पीठों की स्थापना की धर्म अर्थ काम मोक्ष चारों पीठों में उन्होंने एक-एक शंकराचार्य बनाया जिनका धर्म का स्तंभ कहा गया वह चार स्तंभ ही नहीं आ रहे हैं तो धर्म की पूर्ति कहां हो रही है सनातन धर्म का आना कहां हो रहा है राम देश के ही नहीं अभी तू ब्रह्मांड के हैं जब राम का नाम लेते हैं अखिल ब्रह्मांड नायक जगत पिता जगदीश्वर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहते हैं राम के लिए ही जिसका जीवन समर्पित हो उसी को यह अधिकार मिलना चाहिए किसी और को नहीं जिसके लिए जो स्थान है उसके लिए वह स्थान रहे यही उचित है।