NCP Political Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बड़ी राजनीतिक हलचल हो रही है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपने भतीजे अजित पवार की पार्टी में बड़ी सेंधमारी की है। अजित पवार को उनके चार शीर्ष नेताओं ने गच्चा देकर शरद पवार के खेमे में (Ajit pawar) शामिल होने का संकेत दिया है। इससे चुनाव से ठीक पहले अजित पवार की पार्टी को भारी झटका लगा है।
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अजित पवार गुट में फैला असंतोष
अजित पवार (Ajit pawar) गुट छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में पिंपरी-चिंचवड़ इकाई के प्रमुख अजित गव्हाणे, पिंपरी छात्र इकाई के प्रमुख यश साने, पूर्व नगरसेवक राहुल भोसले और पंकज भालेकर शामिल हैं। ये सभी नेता इस सप्ताह के अंत तक शरद पवार के खेमे में शामिल हो सकते हैं।
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चुनाव से पहले शरद पवार का सियासी दमखम
अजित पवार (Ajit pawar) की पार्टी में सेंधमारी करके शरद पवार ने अपने सियासी पावर का परिचय दिया है। महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में एनसीपी से चार बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए यह बहुत बड़ा झटका साबित हुआ है।
अन्य नेताओं का समर्थन
अजित गव्हाणे ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा, “मैंने एनसीपी (अजित गुट) छोड़ दी है। मैंने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।” इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार गुट वाली एनसीपी के कई अन्य पदाधिकारी, पूर्व नगरसेवक और नेता भी पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। गव्हाणे का दावा है कि ये सभी उनका समर्थन कर रहे हैं।
शरद पवार की रणनीति
शरद पवार (Sharad Pawar) की रणनीति स्पष्ट है। उन्होंने पहले ही संकेत दिए थे कि वह उन नेताओं को स्वीकार करेंगे जो पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। शरद पवार ने यह भी कहा था कि वह उन लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे जो उनकी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, मगर उन नेताओं को शामिल करेंगे जो पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि वह अजित गुट के नेताओं को भी अपनी पार्टी में आने देने से परहेज नहीं करेंगे। इससे यह साफ हो गया था कि शरद पवार ने अजित पवार की पार्टी को कमजोर करने की योजना पहले ही बना ली थी।
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अजित पवार का राजनीतिक सफर
अजित पवार ने भाजपा और शिवसेना वाली सत्ताधारी महायुती के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद उन्हें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया। एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना में बगावत की थी और शिवसेना को तोड़ दिया था, जिससे महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। शरद पवार की चाल और अजित पवार के नेतृत्व में हो रही टूटन से एनसीपी के भीतर असंतोष की स्थिति उजागर होती है। शरद पवार की रणनीति और उनके सियासी पैंतरों ने यह साबित कर दिया है कि राजीनीति में अभी भी वह एक बड़ी साख है।