Uttar Pradesh: सोमवार से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) में समाजवादी पार्टी (सपा) कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. सत्र से पहले, आज सुबह सपा के प्रदेश कार्यालय में सपा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) विधायकों और एमएलसी के साथ उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनके माध्यम से सरकार को घेरा जाएगा.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की घोषणा संभव
बताते चले कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी घोषणा कर सकते हैं. उनके विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद अभी रिक्त है. विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद अब विधानसभा में इस पद के लिए तूफानी सरोज, इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के नाम चर्चा में हैं.
मॉनसून सत्र में उठेंगे भ्रष्टाचार के मुद्दे
मॉनसून सत्र (Monsoon Session) को लेकर सपा विधानमंडल दल की बैठक में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने विधायकों को उन मुद्दों पर विस्तृत जानकारी देंगे, जिन पर सरकार को घेरा जा सकता है. बलिया में ट्रकों से वसूली के मामले को उठाते हुए सपा भ्रष्टाचार के मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाने की योजना बना रही है.
अखिलेश यादव से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन
इस बीच, उत्तर प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ के प्रतिनिधियों ने शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्ष 2016 में आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के पद का सृजन किया गया था. आयुष्मान भारत की नियमावली में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के कैडर का निर्माण कर 4800 ग्रेड-पे निर्धारित किया जाएगा और छह साल की सेवा पूर्ण करने पर उन्हें नियमित किया जाएगा.
Read More: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपालों की नई नियुक्तियों की घोषणा की,10 राज्यों के बदल गए Governor
सपा सदन में किन मुद्दों को उठाने की योजना बना रही ?
भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपये और 15 हजार रुपये कार्य प्रोत्साहन राशि तय की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल इन्हें केवल पांच हजार रुपये न्यूनतम वेतन दे रही है, जो बिहार और राजस्थान की तुलना में भी कम है. इस विषय को भी सपा सदन में उठाने की योजना बना रही है ताकि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो सके और उन्हें उचित वेतन व सुविधाएं मिल सकें.
प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी
इस प्रकार, सपा विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) में कई मुद्दों पर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है, जिससे न केवल भ्रष्टाचार के मुद्दों को उजागर किया जा सके, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की समस्याओं का भी समाधान हो.
Read More: NITI Aayog बैठक में ममता बनर्जी के माइक बंद होने के दावे पर CEO बीवीआर सुब्रमण्यम ने दिया स्पष्टीकरण