Bihar Politics: बिहार (Bihar) को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग केंद्रीय बजट (Union Budget) से पहले फिर से उठी है, जिसके चलते राजनीति गरमा गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह (BJP leader RCP Singh) ने बिहार की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार को अब भीख मांगने की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए. वहीं, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा (Vijay Sinha) ने आश्वस्त किया कि बिहार (Bihar) को विकसित राज्य बनाया जाएगा. जेडीयू की मांग है कि यदि विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, तो विशेष पैकेज प्रदान किया जाए.
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सरकार का जवाब-‘बिहार विशेष राज्य का दर्जा पाने में असमर्थ’
बिहार (Bihar) को विशेष राज्य का दर्जा और स्पेशल पैकेज दिए जाने की मांग काफी समय से उठ रही है. एनडीए की सहयोगी जेडीयू और एलजेपी (आर) इस मुद्दे पर पैरवी कर रही हैं. सोमवार को जब जेडीयू के रामप्रीत मंडल ने संसद में सरकार से सवाल पूछा कि क्या आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार और अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है, तो वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Finance Pankaj Chaudhary) ने उत्तर दिया कि बिहार वर्तमान में विशेष राज्य का दर्जा पाने की पात्रता पर खरा नहीं उतरता है.
आरसीपी सिंह का बयान
आरसीपी सिंह ने बिहार (Bihar) की स्थिति पर तीखा बयान देते हुए कहा कि बिहार को भीख मांगने की आदत से बाहर आना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत बढ़ानी होगी ताकि हम दूसरों को कुछ दे सकें, न कि खुद भीख मांगते रहें. बिहार में संसाधनों की कमी नहीं है और इसे खुद को इस मानसिकता से निकालना होगा। पूर्व में जेडीयू के नेता रहे आरसीपी सिंह अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
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बीजेपी का दावा
बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा (Deputy CM Vijay Sinha) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) बिहार को एक विकसित राज्य बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार का विकास भारत के विकास के साथ जुड़ा हुआ है और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. बीजेपी नेता मनोज तिवारी (BJP leader Manoj Tiwari) ने भी कहा कि विशेष राज्य के लिए जो आर्थिक पैकेज निर्धारित है, वह बिहार के लिए अभी भी लागू हो रहा है और इसमें वृद्धि की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अपराध और आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता है और विश्वास जताया कि बिहार को विशेष रूप से ट्रीटमेंट मिल रहा है.
जेडीयू की अपील
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि अगर नीति आयोग के नियमों में कोई बदलाव की जरूरत है, तो केंद्र सरकार को इस मामले में परिवर्तन करना चाहिए या फिर विशेष पैकेज प्रदान करना चाहिए. जेडीयू महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने कहा कि बिहार के विभाजन के बाद, झारखंड को सारे संसाधन चले गए और इस कारण बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. जदयू सांसद संजय झा ने भी यही कहा कि अगर तकनीकी समस्याओं के कारण विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता, तो विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए.
लोजपा (आर) की नेता की मांग
लोजपा (आर) की नेता शाम्भवी ने समस्तीपुर से सांसद रहते हुए बिहार के विशेष राज्य दर्जे की मांग उठाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से आग्रह किया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज प्रदान किया जाए. उन्होंने भरोसा जताया कि बिहार की इस मांग को सुना जाएगा.
वित्त राज्य मंत्री का स्पष्टीकरण
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Finance Pankaj Chaudhary) ने कहा कि पहले राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया था, जिनमें पहाड़ी और कठिन भू-भाग, कम जनसंख्या, जनजातीय आबादी, रणनीतिक स्थान और आर्थिक पिछड़ापन जैसी विशेषताएं शामिल थीं. 2012 में एक अंतर-मंत्रालयी समूह ने बिहार के विशेष श्रेणी दर्जे के अनुरोध पर विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि बिहार की स्थिति मौजूदा एनडीसी मानदंडों के अनुसार विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए उपयुक्त नहीं है.
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