एक तरफ रूस और यूक्रेन दूसरी तरफ हमास और इजराइल में छिड़ी जंग और अब अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट है.इसकी आशंका सिर्फ हमको नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतर देशों को होने लगी है.हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है.जॉर्डन में रविवार को अमेरिकी मिलिट्री बेस पर ड्रोन हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ गई है.हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये कहा कि,हम इसका जवाब देंगे.वहीं पेंटागन की ओर से कहा गया कि,हम ईरान से जंग नहीं चाहते लेकिन कार्रवाई जरूर करेंगे.हमले का किस तरह से जवाब दिया जाएगा अमेरिका इस पर विचार कर रहा है।
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जॉर्डन में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत
जॉर्डन में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में बड़ा राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका दोष जो बाइडेन पर मढ़ते हुए दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति हमें तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर ले जा रहे हैं। अमेरिका ने कहा है कि,हम अपने शहीद सैनिकों की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि,हम उन सभी जिम्मेदार लोगों को एक समय और अपनी इच्छानुसार तरीके से जवाबदेह ठहराएंगे।हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खड़े हैं,ये एक ऐसी लड़ाई है जिसे हम बंद नहीं करेंगे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा बयान
इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी बड़ा बयान दिया है.उन्होंने कहा है कि,अमेरिका इसका करारा जवाब देगा.एशिया में पिछली रात को हमने अपने तीन बहादुर सैनिकों को खो दिया,जिन्होंने ये हमला किया उनको अमेरिका अपने चुने गए तरीके और समय के हिसाब से जवाब देगा.वहीं इससे एक दिन पहले बाइडन ने कहा था कि,हम जानते हैं ईरान समर्थित आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. हालांकि, इन सबके बीच ऐसा दावा किया जा रहा है कि पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी अपने ठिकानों को खाली कर दूसरी जगह जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर सता रहा है कि अमेरिका कभी भी हवाई हमला कर उन्हें निशाना बना सकता है।
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ईरान के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ड्रोन से हमले में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत पर ईरान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि,हमले में तेहरान का कोई हाथ नहीं है. संघर्षरत समूह खुद के सिद्धांत और प्राथमिकता के आधार पर फैसला लेते हैं. वो फिलिस्तीन और वहां के लोगों का किस तरह समर्थन करेंगे ये फैसला उनका खुद का है।ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चेताते हुए कहा कि,कुछ पश्चिमी अधिकारियों की ओर से दिए गए बयान और उठाए गए कदम क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है.इस तरह के हमलों में शामिल संगठन को ईरान सरकार से आदेश नहीं मिलते हैं, बल्कि वे अपने निर्णय खुद लेते हैं।