Sonam Kinnar Resign: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियां इन दिनों काफी तनावपूर्ण चल रही है. उपचुनाव से पहले जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच राज्य मंत्री (Minister of State) (दर्जा प्राप्त) सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि सरकार की ओर से उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) ने राज्यपाल से मुलाकात की और इस दौरान यह अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह इस्तीफा दे सकती हैं. पहले सपा में शामिल रहने वाली सोनम किन्नर ने बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य मंत्री का पद संभाला था.
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लोकसभा चुनाव हार की जिम्मेदारी स्वीकार की
सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) ने इस्तीफा देने की वजह के रूप में लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है, जिसे अन्य कोई लेने को तैयार नहीं था. उन्होंने कहा कि वह अब संगठन में कार्य करेंगी और सरकार में नहीं, क्योंकि उनके अनुसार संगठन सरकार से महत्वपूर्ण है. सोनम ने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे अधिकारी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते. वे अफसरशाही के खिलाफ लगातार मुखर रही हैं और योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ भी आवाज उठाती रही हैं.
विभागीय भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया
इसी कड़ी में आगे सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) ने कहा कि अधिकारियों ने सरकार का कामकाज बुरी तरह प्रभावित किया है और कुछ अधिकारी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सुनवाई नहीं करते. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की प्राथमिकता केवल पैसे कमाने में है. सोनम किन्नर ने मुख्यमंत्री को शिकायत की थी कि उनके विभाग में कई अधिकारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. उनके बच्चे के स्कूल में एडमिशन के लिए भी अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया. इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया और संगठन में काम करने की बात की.
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संगठन को प्राथमिकता देने की बात की
बताते चले कि सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) ने कहा कि वह अपने विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने में असमर्थ महसूस कर रही थीं. यदि वह जनता के कार्य नहीं करवा पातीं, तो मंत्री पद पर बने रहने का कोई लाभ नहीं था. डिप्टी सीएम की बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. सोनम किन्नर को योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड (Uttar Pradesh Kinnar Kalyan Board) का उपाध्यक्ष बनाया था. सोनम किन्नर का पूरा नाम किन्नर सोनम चिश्ती है, और वह अजमेर से ताल्लुक रखती हैं. समाज में किन्नरों को समानता का दर्जा दिलाने के लिए उनके लंबे समय से प्रयास जारी हैं, और वे सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रही हैं.
पहली किन्नर पैरा लीगल वॉलंटियर
सोनम (Sonam Kinnar) का पूरा नाम किन्नर सोनम चिश्ती है और उनका संबंध अजमेर से बताया जाता है. वर्तमान में, वे यूपी के सुल्तानपुर के किन्नर आश्रम की पीठाधीश्वर हैं. पिछले कई वर्षों से सोनम समाज में किन्नरों को समान अधिकार दिलाने के लिए प्रयासरत हैं और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं. सुल्तानपुर में उनका अत्यधिक सम्मान है, और उनके प्रयासों के कारण वे धीरे-धीरे यूपी के लगभग पांच लाख किन्नरों का प्रतीक बन गई हैं.
वर्ष 2018 में, सोनम को जिला जज द्वारा पैरा लीगल वॉलंटियर (Para Legal Volunteer) के पद पर नियुक्त किया गया, जो कि किसी किन्नर के लिए पहली बार था. इस पद पर चयनित व्यक्ति का काम उन लोगों को न्याय दिलाना होता है, जो स्वयं न्याय के लिए लड़ने में असमर्थ हैं. सोनम (Sonam Kinnar) ने इस पद के लिए साक्षात्कार भी दिया था. इसके अलावा, सोनम राजनीति में भी सक्रिय रही हैं और विभिन्न पदों के लिए चुनाव भी लड़े हैं.
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