Akhilesh Yadav On Hemant Soren: लोकसभा चुनाव आने में बस कुछ ही महीनों का समय बाकी है, ऐसे में सभी विपक्षी दल भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है. ईडी की ताबड़तोड़ कारवाई को लेकर लगातार विपक्षी दल के नेता लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. केंद्र पर निशाना साधने का सिलसिला अब और भी तेज हो गया, जब झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और उसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने की बैठक
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे और ईडी की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने बुधवार शाम को मुलाकात की और हेमेंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद की स्थिति पर चर्चा की. उसके बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. साथ ही अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा.
अखिलेश यादव ने किया पोस्ट
आपको बता दे कि सपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट करते हुए बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताया और कहा कि आदिवासी होने की हेमंत सोरेन के साथ ये व्यवहार किया जा रहा है. अखिलेश यादव ने लिखा, ‘झारखंड नहीं झुकेगा! झारखंड में भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ रहा है.
अखिलेश यादव ने आगे कहा, झारखंड के साहसी योद्धा श्री हेमंत सोरेन जी भाजपा के आदिवासियों और आदिवासी क्षेत्रों की रक्षा के लिए सदैव वचनबद्ध रहे हैं और भाजपाई भ्रष्ट राजनीतिज्ञों व पूंजीपतियों के सामने इसलिए दीवार बनकर खड़े रहे, जिससे झारखंड को शोषण से बचाया जा सके. इसलिए उनके साथ ऐसा बुरा व्यवहार किया जा रहा है. ये झारखंड के जनमत का अपमान है. इसीलिए हर एक झारखंड निवासी इस बार भाजपा के ख़िलाफ़ वोट डालेगा और भाजपा को ऐतिहासिक पराजय की सामना करना पड़ेगा.
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भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर कसा तंज
दरअसल भाजपा महंगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दों के सामने अपने को बुरी तरह से हारा हुआ मान रही है तभी तो वो कहीं सरकारें गिरा कर, कहीं चयनित मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करके और कहीं मतपत्रों में जालसाज़ी करके अपनी सत्ता बचाए रखना चाहती है. भाजपा नैतिक रूप से 2024 का चुनाव पहले ही हार चुकी है अब तो बस उसकी राजनीतिक हार होने की घोषणा होना बाक़ी है. भाजपा की ऐसी अलोकतांत्रिक हरकतें देखकर उनको वोट देनेवाले भी इस बार पहले से पीछे हट गये हैं.
PDA को लेकर भाजपा पर साधा निशाना
हम लगातार जिस PDA की बात कर रहे हैं उसमें आदिवासी समाज भी पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों व आधी आबादी मतलब महिलाओं व अगड़ों में पीड़ित-दुखी लोगों सहित शामिल है. भाजपा PDA विरोधी है. पीडीए कुल मिलाकर हमारे देश की 90% जनसंख्या की एकता का नाम है, भाजपा इसी एकता से डरी है और छापे-गिरफ़्तारी का डर दिखाकर हमें बाँटना चाहती है. PDA राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है.
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