UP Politics: साल 2019 में अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर संसद पहुंचीं बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने 2024 के चुनाव में मिली हार पर पहली बार खुलकर बात की है. एक साक्षात्कार में स्मृति ईरानी ने बताया कि जब वे पहली बार अमेठी गई थीं, तो उन्होंने देखा कि 40 से ज्यादा गांवों में सड़कें नहीं थीं, साल 2014 में पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ने के निर्देश मिलने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी सेफ सीट की मांग नहीं की. उनका मानना था कि ऐसा करना स्वार्थी होगा. स्मृति ईरानी ने कहा, “मैंने 2014, 2019 और 2024 में टिकट नहीं मांगा था. 2014 में राजनाथ सिंह ने मुझसे पूछा था, लेकिन 2019 और 2024 में टिकट सीधे घोषित हो गया.”
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अमेठी के विकास पर बोली Smriti Irani
बताते चले कि स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि पिछले पांच सालों में उन्होंने अमेठी में 1 लाख आवास बनाए, 3.50 लाख घरों में शौचालय बनवाए और 4 लाख लोगों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से जोड़ा. इसके अलावा, उन्होंने 80 हजार लोगों को बिजली का कनेक्शन दिलाया. स्मृति ईरानी का कहना है कि वे हार-जीत के पैमाने पर अमेठी को नहीं आंकतीं, बल्कि उन लाखों परिवारों को अपनी जीत मानती हैं जो अब पक्के घरों में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह मेरा पहला चुनाव नहीं है जिसमें मैं हारी हूं. मैं तीन बार सांसद रह चुकी हूं.”
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अटल बिहारी वाजपेयी से तुलना और अमेठी सीट पर चुप्पी
टॉप एंगल नामक शो में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव हारे थे, जबकि नरेंद्र मोदी कभी नहीं हारे. स्मृति ईरानी ने बताया कि वे चांदनी चौक से अपना पहला चुनाव हारी थीं. अमेठी सीट पर हुई हार की समीक्षा पर उन्होंने कहा कि पार्टी में इस हार पर चर्चा हो चुकी है, इसलिए वे इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहेंगी.
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यूपी में बीजेपी की हार और सपा-कांग्रेस की रणनीति पर विचार
यूपी में बीजेपी को लगे झटके पर स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि वे केवल अपनी सीट पर बात कर सकती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सीट पर आरक्षण को लेकर न तो कोई चर्चा हुई और न ही संविधान की प्रतियां बंटी. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने अपने उम्मीदवारों को कई बार बदला, यहां तक कि पश्चिमी यूपी में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को बदल दिया. स्मृति ईरानी के अनुसार, यह एक चौंकाने वाली बात थी. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अपनी पार्टियां छोड़ीं और बीजेपी का समर्थन किया, जबकि संगठन यूपी में इस हार की समीक्षा करेगा.