Kanpur News: कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express) को पटरी से उतारने की कोशिश के मामले में जांच अब उच्चस्तरीय हो गई है। छह अलग-अलग टीमों ने मामले की गहराई से जांच की है और अब तक 219 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया है। इन कैमरों को निवादा टोल प्लाजा और आसपास के अन्य स्थानों पर लगाया गया था। इसके अलावा, सर्विलांस और स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की टीमें भी इस मामले की जांच में जुटी हैं। फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की टीमों ने भी पूरे इलाके की छानबीन की है, ताकि किसी भी संभावित सुराग और संदिग्ध वस्तुओं की पहचान की जा सके।
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हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां
घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया एजेंसी, एनआईए, और यूपी एटीएस जैसी प्रमुख एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, यह घटना आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकती है। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी फरहतुल्लाह गौरी ने हाल ही में एक ऑडियो क्लिप जारी की थी, जिसमें भारत में ट्रेन हादसों की साजिश का जिक्र किया गया था। इसी संदर्भ में हाल के रेल हादसों की भी जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली से आईएसआईएस के करीब 14 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जो इस एंगल से जांच को और महत्वपूर्ण बना देता है।
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एनआईए की विशेष टीम कर रही जांच
एनआईए की टीम ने दोपहर में घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) भी जांच टीम के साथ मौके पर मौजूद हैं। टीम ने दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी और आसपास के इलाके का बारीकी से सर्वेक्षण किया। सोमवार रात को एनआईए की टीम कानपुर पहुंच गई थी। इस बीच, पुलिस ने दो शातिर अपराधियों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। रेल अधिकारियों का कहना है कि मामले में किसी प्रकार की रेल चूक सामने नहीं आई है।
क्या कहती है रेलवे अधिकारियों की रिपोर्ट
रेलवे अधिकारियों ने जांच के दौरान पाया कि सिलिंडर को भले ही ट्रैक के बीच में फंसाया गया था, लेकिन ट्रेन की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा से कम होने की वजह से सिलिंडर इंजन के आगे लगे काऊ कैचर से टकराने के बजाय उछलकर दूर गिर गया। कालिंदी एक्सप्रेस में सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट भी लगाया गया था। सिलिंडर टकराने के बाद गाड़ी ने स्टेशन पर रुकते ही एस्कॉर्ट में लगे पुलिस कर्मी उतरकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को दी। ड्राइवर ने वॉकी-टॉकी के माध्यम से पीछे आ रही गाड़ियों को रोकने का निर्देश दिया और ट्रेन को सही स्थिति में बताकर आगे रवाना किया।
आरपीएफ की टीमें हुई सक्रिय
रेलवे ने इस घटना की जांच के लिए इज्जत नगर मंडल के रेलवे संरक्षा आयुक्त पवन श्रीवास्तव को घटनास्थल पर तैनात किया है। उन्होंने तीन दिन तक घटनास्थल पर रहकर हर पहलू की जांच करने का निर्णय लिया है। आरपीएफ की तीन टीमों को भी जांच में लगाया गया है, जिन्होंने शिवराजपुर और कन्नौज के बीच 18 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। यह जांच रेलवे संरक्षा आयुक्त की निगरानी में की जा रही है, जो कि इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं।
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पहले भी हो चुका है एक और हादसा
कानपुर के पनकी में 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस के बोल्डर से टकराने का एक और हादसा हुआ था, जिसमें ट्रेन के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस मामले में लोहे का एंगल मिला था, लेकिन जनहानि नहीं हुई थी। इस मामले की जांच भी इसी एंगल से की जा रही है। कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की घटना ने सुरक्षा और जांच एजेंसियों के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है। यह घटना संभावित आतंकी साजिश की ओर इशारा करती है, जिससे संबंधित जांच एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। देश की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं।