Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly elections) के लिए अब एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम रुप देने में लगी हुई है. ऐसे में एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है.सोलापुर (Solapur) में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को उनके भाषण को लेकर पुलिस ने नोटिस जारी किया है. ओवैसी सोलापुर में एआईएमआईएम के उम्मीदवार फारूक शब्दी के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे, जहां उन्हें भीड़भरे मंच पर नोटिस दिया गया. पुलिस ने इस नोटिस के जरिए ओवैसी को आगाह किया कि वे अपने भाषण में किसी धर्म के खिलाफ भड़काऊ या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करें.
भड़काऊ भाषा से बचने की हिदायत
आपको बता दे कि, पुलिस ने अपने नोटिस में ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को हिदायत दी कि वे ऐसी कोई भाषा का इस्तेमाल न करें जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हों. सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस नोटिस में ओवैसी की किसी पूर्व स्पीच का कोई हवाला नहीं दिया गया जिसमें उन्होंने कथित रूप से भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया हो. मंच पर बैठकर ओवैसी ने फोन पर बात करते हुए इस नोटिस को पढ़ा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओवैसी का रुख
दरअसल, ओवैसी (Asaduddin Owaisi) वक्फ संशोधन बिल 2024 के आलोचक रहे हैं और इसे लेकर वे कई बार अपनी आपत्ति दर्ज कर चुके हैं. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आए फैसले का उन्होंने स्वागत किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि कार्यपालिका अदालत की भूमिका नहीं निभा सकती और न ही किसी को दोषी ठहरा सकती है. इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि, इस फैसले से उम्मीद है कि राज्य सरकारें मुस्लिम और अन्य हाशिए के समूहों को सामूहिक दंड देने से बचेंगी.
भाजपा पर बुलडोजर कार्रवाई का महिमामंडन करने का आरोप
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भाजपा पर बुलडोजर कार्रवाई को महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक समुदाय विशेष के प्रति नफरत फैलाने का एक तरीका है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी मोहल्ले में 50 घर हैं, तो सिर्फ अब्दुर रहमान का घर अवैध बताकर उसे ढहा दिया जा रहा है. यह नफरत पैदा करने का एक बेहतरीन उदाहरण है.
पहले भी मिले नोटिस
ये कोई पहली बार नहीं है जब ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को इस तरह का नोटिस मिला है. इससे पहले, इसी साल के शुरुआती महीनों में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी उन्हें कथित नफरती भाषण के लिए नोटिस जारी किया गया था. यह नोटिस इलेक्शन कमीशन (Election Commission) की तरफ से दिया गया था और उसमें ओवैसी को चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने से बचने की सलाह दी गई थी. इस मामले से यह साफ होता है कि ओवैसी के भाषण और उनके विचार कई बार विवादों में आते हैं, विशेषकर जब वे सरकार और विशेष समुदायों के मुद्दों पर मुखर होते हैं. पुलिस द्वारा जारी नोटिस को ध्यान में रखते हुए, ओवैसी को अब अपनी स्पीच में संतुलित भाषा का प्रयोग करना होगा ताकि भविष्य में उन्हें इस तरह के आरोपों से बचाया जा सके.