Shivraj Singh Chauhan: शिवराज सिंह चौहान का नाम भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में शुमार है.उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान मध्यप्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे बुधनी विधानसभा से लगातार विधायक रहे हैं और अपने निरंतर सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने वहां से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे के मौके पर भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मैं बुधनी से विधायक था. बुधनी की जनता मेरे रोम रोम में रमति है, मेरी हर सांस में बसती है. मैंने बुधनी से ही अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ किया था. बचपन से आंदोलन किए और जनता का प्यार लगातार मिलता चला गया.उन्होंने बताया कि वे बचपन से ही राजनीतिक आंदोलनों में शामिल रहे और बुधनी से ही उनका सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हुई.
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भावुक हुए शिवराज सिंह चौहान
बताते चले कि शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी के जनता से अपने संबंध को गहराई से जोड़ते हुए कहा कि इस क्षेत्र की जनता का प्यार और आशीर्वाद हमेशा प्राप्त हुआ है. उन्होंने बुधनी से सांसदीय और विधायकीय चुनावों में बहुमत से विजयी होने का गर्व भी जताया. शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा क्षेत्र से छठी बार से जीत हासिल की है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को विदिशा सीट से प्रत्याशी चुना था. पार्टी के इस निर्णय को जनता ने पूर्ण समर्थन दिया और शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत साबित की. उन्होंने इस चुनाव में ऐतिहातिक तौर पर 8 लाख से अधिक वोटों की प्राप्ति की है, जो उनकी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. दूसरी ओर, इंदौर से शंकर लालवानी ने 10 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की हैं.
रिकॉर्ड 8 लाख से ज्यादा वोटों से जीते
शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा से रिकॉर्ड 8 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. यह उनकी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. पहले नंबर पर इंदौर के शंकर लालवानी रहे, जिन्होंने 10 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. इस प्रकार, शिवराज सिंह चौहान की जीत को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है. बता दे कि विदिशा की जनता ने एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को अपना नेता चुनकर यह साबित कर दिया कि उनकी लोकप्रियता आज भी वहां पर बरकरार है. इस भारी बहुमत से जीतने के बाद, शिवराज सिंह चौहान ने अपनी जनता का आभार व्यक्त किया और उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
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अब कौन संभालेगा बुधनी की कमान ?
शिवराज के इस्तीफा देने के बाद अब इस बात की चर्चा शुरु हो घई है कि शिवराज के गढ़ बुधनी में बीजेपी किसे नेता बनाएगी?वैसे तो शिवराज के बेटे कार्तिकेय लगातार इसी क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक शिवराज अभी उनके बेटे को विधायक बनाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे उन पर परिवारवाद के आरोप लगने शुरू हो जाएंगे. विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव का नाम भी बुधनी से बीजेपी के अगले उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि वो शिवराज के नज़दीकी होने के साथ साथ उनके लिए अपनी सांसदी छोड़ चुके हैं.