share market crash news: गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में भारी बिकवाली देखी गई, जिसके कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.63 लाख करोड़ रुपये घटकर 469.23 लाख करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट मुख्य रूप से ईरान (Iran) द्वारा इस्राइल (Israel) पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण हुई। इस भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों की परेशानियां बढ़ाई है और इससे बाजार में बिकवाली का दबाव बना है।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट, निवेशकों को हुआ भारी नुकसान
गुरुवार को सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में क्रमशः 2.15% की गिरावट आई। दोपहर 2:10 बजे सेंसेक्स 1,811 अंक गिरकर 82,455.08 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 554 अंक टूटकर 25,242 पर पहुंच गया। इस बिकवाली के कारण निवेशकों को लगभग 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी
पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष के कारण कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया, जबकि बेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 72 डॉलर तक पहुंच गया। इस स्थिति ने भारत जैसे कमोडिटी आयातक देशों के लिए चिंताएँ बढ़ा दी हैं, क्योंकि कच्चे तेल का महत्त्वपूर्ण हिस्सा देश के आयात बिल में शामिल होता है।
प्रमुख कंपनियों के शेयरों में आयी गिरावट
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक(ICICI Bank), एमएंडएम, एलएंडटी (M&M, L&T) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) और टाटा स्टील (Tata Steel) जैसे कुछ शेयरों में बढ़त देखने को मिली। निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में भी 1.2% से अधिक की गिरावट आई, जिससे हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum), आईओसी (IOC) और जीएसपीएल (GSPL) जैसे शेयर प्रभावित हुए।
सेबी के नए नियमों का पड़ा प्रभाव
हाल ही में सेबी (SEBI) की बोर्ड बैठक में वायदा कारोबार के नियमों में बदलाव की मंजूरी दी गई है। इस निर्णय ने भी बाजार में गिरावट को बढ़ाने में योगदान दिया। विश्लेषकों के अनुसार, नए नियमों से रिटेल निवेशकों को निराशा हो सकती है, जिससे ट्रेडिंग में कमी आ सकती है। इस अनिश्चितता ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी है, खासकर जब भू-राजनीतिक तनाव पहले से ही बाजार को प्रभावित कर रहा है।
चीन के शेयर बाजार की मजबूती से बढ़ी चिंता
चीन के शेयर बाजार में हाल के दिनों में मजबूती आई है, जिसने भारतीय निवेशकों को चिंतित कर दिया है। पिछले सप्ताह चीनी सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद, चीन के एसएसई कंपोजिट इंडेक्स में 8% की वृद्धि हुई है। इससे भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) से विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारी निकासी देखी गई है। पिछले दो कारोबारी सत्रों में 15,370 करोड़ रुपये की निकासी हुई है।
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रुपये में आयी गिरावट, विदेशी निवेश का पड़ा असर
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब रुपये में भी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में रुपया 11 पैसे से टूटकर 83.93 पर पहुंच गया। मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, भारतीय मुद्रा पर दबाव का मुख्य कारण पूंजी बाजारों से विदेशी निवेश का निरंतर बाहर जाना और अमेरिकी मुद्रा का मजबूत होना है। यह स्थिति आगे चलकर रुपये की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सेबी (SEBI) के नए नियमों के चलते घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली की लहर चल रही है। निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी ताकि वह मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश के निर्णय लें।