Share Market Crash: आज भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त हाहाकार मचा हुआ है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स में लगातार बिकवाली का दौर जारी है। इस समय, बीएसई सेंसेक्स लगभग 2900 अंक गिरकर 72,389 पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 920 अंक गिरकर 21,977 पर ट्रेड कर रहा है। सुबह प्री-ओपन सेशन के दौरान सेंसेक्स में 4000 अंक और निफ्टी में 1100 अंक की गिरावट देखी गई थी।
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निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर बढ़े
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। इससे निवेशक असमंजस में हैं और वे सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं। आज सुबह, एशियाई बाजारों के सभी प्रमुख इंडेक्स में भारी बिकवाली देखी गई। इसके अलावा, अमेरिकी बाजारों में भी गिरावट का माहौल है। गिफ्ट निफ्टी भी 900 अंक की गिरावट के साथ खुला था, जिससे भारतीय बाजारों में भी मंदी का प्रभाव पड़ा है।
भारतीय बाजारों पर पड़ा प्रतिकूल असर
अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार में भी साफ नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत समेत 180 से अधिक देशों पर निर्यात पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ का असर सीधे तौर पर भारतीय बाजार पर नहीं पड़ा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर जरूर पड़ सकता है। इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी भी आ सकती है, जो वैश्विक बाजारों में और दबाव बना सकती है।
निवेशकों में घबराहट, चौथे तिमाही के परिणाम का असर
वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ के कारण इस हफ्ते चौथे तिमाही के परिणाम आने से पहले ही निवेशक परेशान हो गए हैं। यह चिंता भी शेयर बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण हो सकती है। निवेशक आने वाले परिणामों को लेकर अनिश्चित हैं, और यही कारण है कि वे बाजार से पैसे निकालने में लगे हैं। मार्च महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार में जमकर खरीदारी की थी, लेकिन अप्रैल आते ही उन्होंने बिकवाली का सिलसिला शुरू कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि घरेलू और विदेशी निवेशक अब सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं, जिसके चलते सोने की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।
एमपीसी बैठक और रेपो रेट में कटौती की उम्मीद
7 से 9 अप्रैल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के दौरान रेपो रेट में कटौती की घोषणा हो सकती है, जिससे घरेलू निवेशकों को राहत मिल सकती है। अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों के लिए लोन सस्ता हो जाएगा और लोग भी कम ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
निवेशकों के लिए सतर्क रहने का समय
कुल मिलाकर, अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का कारण बन रही है। निवेशकों को इस समय सतर्क रहना होगा और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लेने होंगे।