लखनऊ संवाददाता: मोहम्मद कलीम
लखनऊ: केजीएमयू में दूसरे दिन भी सर्वर ने धोखा दे दिया। ओपीडी में पर्चा काउंटर के सामने सुबह से लंबी कतारें लगी थीं। लाइन में लगे तीमारदार आखिर सर्वर कब तक ठीक होगा कहकर शोर शराबा करते रहे। हंगामा व अफरातफरी देखते हुए तत्काल अफसरों ने मामले का संज्ञान लेते हुए मैनुअल पर्चा बनाने की प्रक्रिया शुरू करवाए। 500 से ज्यादा मरीजों को बिना जांच रिपोर्ट लिए लौटना पड़ा। जबकि 1500 मरीजों के पर्चे मैनुअल तरीके से बनाए गए।
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सर्वर ने मरीजों के इलाज में बाधा डाल रखी
केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना सात से आठ हजार मरीज आते हैं। पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की ज्यादातर जांच रिपोर्ट बारकोड के आधार पर दी जाती है। गुजरे दो दिनों से केजीएमयू में सर्वर ने मरीजों के इलाज में बाधा डाल रखी है। मंगलवार की सुबह करीब नौ बजे सर्वर ने धोखा दे दिया, जो दोपहर दो बजे तक जारी रहा। मरीजों की लंबी कतार लगी थी। काफी देर तक पर्चा बनाने का काम शुरू नहीं हुआ तो मरीजों ने शोर शराबा शुरू कर दिया। रिपोर्ट व पैसे जमा करने को लेकर भी बखेड़ा शुरू हो गया।
पर्चा आदि का काम ठप
क्वीनमेरी और लारी कॉर्डियोलॉजी समेत दूसरे विभागों की ओपीडी में भी पर्चा आदि का काम ठप हो गया। बीच-बीच में नेटवर्क आया लेकिन भीड़ पर काबू पाना कठिन हो गया। हंगामा व अफरातफरी के मद्देनजर संस्थान प्रशासन ने मैनुअल पर्चा बनाने के निर्देश दिए। इससे पहले सोमवार को भी सर्वर ठप हो गया था। इस दौरान घंटों लम्बी कतारों में लगे मरीजों व तीमारदारों ने हंगामा कर दिया था।
बिना रिपोर्ट मरीजों का इलाज प्रभावित
पुराने पर्चे पर बारकोड लगा था, जिस वजह से मरीजों की रिपोर्ट नहीं मिल पाई। बिना रिपोर्ट मरीजों का इलाज प्रभावित हो गया। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि दिल्ली स्थित सर्वर में दिक्कत हुई है। मरीजों को दुश्वारियों से बचाने के लिए मैनुअल काम शुरू कर दिया गया। बिना इलाज किसी भी मरीज को नहीं लौटाया गया।
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