Mahakal Fire Incident:मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध बाबा महाकाल के गर्भगृह में होली के दिन लगी भीषण आग में झुलसे सेवक सत्यनारायण सोनी की मुंबई में इलाज के दौरान मौत हो गई है.अग्निकांड में झुलसने के बाद उनका इलाज पहले इंदौर के एक अस्पताल में चल रहा था लेकिन वहां से उनका हालात बिगड़ने के बाद मुंबई रेफर कर दिया गया था यहां उन्होंने आज इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है।गर्भगृह में सेवक सत्यनारायण सोनी दशकों से भगवान महाकाल की सेवा कर रहे थे.बाबा महाकाल की भस्म आरती के दौरान ये अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते थे जो आरती के दौरान गर्भगृह से आवाज लगाते थे कि,महाकाल की भस्म आरती होने जा रही है महिलाएं घूंघट डाल लें.मंदिर में आने वाले श्रद्धालु दशकों से इनकी आवाज को यहां पर सुन रहे थे जो हमेशा-हमेशा के लिए आज बंद हो गई इससे उनकी आवाज को पसंद करने वाले श्रद्धालुओं को बड़ा दु:ख पहुंचा है।
महाकाल मंदिर में झुलसे सेवक की मौत
आपको बता दें कि,उज्जैन के महाकाल मंदिर में 25 मार्च को होली के दिन सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई थी.इसमें पुजारी सहित 14 लोग गंभीर रुप से झुलस गए थे.जिसके बाद आग में झुलसे 9 लोगों को इंदौर में भर्ती कराया गया था जबकि 5 लोगों का इलाज उज्जैन में ही चल रहा था.इस मामले में गंभीर रूप से झुलसने के कारण 80 वर्षीय सत्यनारायण सोनी को पहले इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराय गया था जहां से पिछले दिनों उन्हें उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में रेफर किया गया था लेकिन बुधवार सुबह उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
दशकों से कर रहे थे बाबा महाकाल की सेवा
सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के दरबार में दशकों से सेवा कर रहे थे जो भस्म आरती में सफाई करना हो, पूजन सामग्री एकत्रित करना हो या अन्य कोई भी काम वो हमेशा हर कार्य करने के लिए तैयार रहते थे.महाकाल मंदिर के पुजारी भी बताते हैं कि,बाबा महाकाल की पूजा करने के लिए भले ही कोई भी पुजारी का समय चल रहा हो लेकिन उनके सहयोगी के रूप में सत्यनारायण सोनी सेवा देने के लिए जरूर मौजूद रहते थे।
सीएम ने दिए थे मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
25 मार्च को बाबा महाकाल के गर्भगृह में हुए अग्निकांड के अगले ही दिन इस घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे.इससे पहले प्राथमिक जांच में ये पता चला था कि,श्रृंगार के बाद कपूर आरती के दौरान स्प्रे से गुलाल उड़ाने पर आग भभकी थी.चांदी की दीवार पर लगाए गए कपड़े के कारण आग तेजी से फैली और पुजारियों और सेवकों को चपेट में ले लिया।बाबा महाकाल के गर्भगृह में हुए इस अग्निकांड पर पीएम मोदी ने भी अपना दुख जताया था और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना की थी.सीएम मोहन यादव ने हादसे की सच्चाई जानने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे।