Loksabha Election 2024:मंगलवार को बदायूं में सजे चुनावी मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एक ऐसा वाकया हुआ जिसकी चर्चा सोशल मीडिया से लेकर अखबारों की सुर्खियों तक में है.लोकसभा चुनाव के माहौल के बीच इस समय अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं की चुनावी जनसभा हो रही है जहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.इसी कड़ी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बदायूं में एक जनसभा को संबोधित किया जहां बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य भी मौजूद थी लेकिन जब सीएम योगी जनसभा को संबोधित कर रहे थे उस वक्त संघमित्रा मौर्य रोती हुई दिखाई दी और देखते ही देखते उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
Read More:राहुल गांधी ने वायनाड से दाखिल किया नामांकन,बहन प्रियंका संग किया रोड शो..
मंच पर रोती दिखी संघमित्रा मौर्य
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद कयास लगाए जाने लगे कि,मंच पर संघमित्रा मौर्य के आंसू उन्हें बदायूं सीट से टिकट नहीं मिलने के दर्द में छलक पड़े.दरअसल,इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कई अपने पुराने सांसदों के टिकट को काट दिया है इसी लिस्ट में संघमित्रा मौर्य का भी नाम शामिल है.भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं सीट से दुर्विजय शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है।
Read More:आप नेता की बढ़ीं मुश्किलें,BJP ने भेजा मानहानि का नोटिस,15 दिन के अंदर मांगा जवाब…
पिता ने कहा,”बेटी कहने में आती है शर्म”
वहीं जब संघमित्रा मौर्य से मीडिया ने उनके रोने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने बताया कि,उनके बगल में यूपी सरकार में मंत्री गुलाब देवी बैठी थी जो उन्हें रामायण का एक प्रसंग सुना रही थी जिसको सुनकर उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े और वो वहां से उठकर चली गईं।बदायूं में सीएम योगी की जनसभा के दौरान संघमित्रा मौर्य के रोने पर उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा कि,मुझे संघमित्रा को अपनी बेटी कहने में शर्म आती है।
Read More:Agra में जमकर गरजे CM योगी…बोले,’अपराधी जेल में हैं,पूर्वांचल का आतंक और उग्रवाद कम हुआ’
“प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकती है BJP”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा,उसने मंच पर रोकर अपने पिता के चरित्र के विपरीत आचरण किया है.बेटी होने का मतलब ये नहीं कि,उसकी गलतियां माफ हो गई,रोना-धोना ओछी और बचकानी बातें हैं।समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता ने आगे ये भी कहा कि,मुझे उसके टिकट कटने का कोई दुख नहीं,टिकट तो कटना ही था.मैंने उससे कहा कि,उसे आरक्षण खत्म करने वाले दल के साथ नहीं खड़ा होना चाहिए.अनुसूचित जाति और जनजाति की राजनीति करने वाले लोग अगर उनका आरक्षण ख़त्म करने वालों के साथ खड़े हैं, तो इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता।जो सांसद रह चुका है वो दूध पीता बच्चा नहीं है,उसे ख़ुद विवेक होना चाहिए.स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया कि,बीजेपी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकती है।