Hindenburg Research Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने एक बार फिर से अर्थव्यवस्था के बाजार में हलचल मचा दी है। शनिवार को जारी नई रिपोर्ट में भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) और उनके पति धवल बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के बाद सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें सिरे से खारिज कर दिया और इसे चरित्र हनन का प्रयास बताया।
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बेबुनियाद और आधारहीन आरोप: माधबी पुरी बुच
सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को जारी एक संयुक्त बयान में हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि उनके जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है और सभी जानकारियां सेबी को पहले से ही दी जा चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, चाहे वे प्राइवेट लाइफ के हों या वर्तमान के।
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पारदर्शिता के साथ खुलासे के लिए तैयार
माधबी पुरी बुच और उनके पति ने कहा कि वे किसी भी अथॉरिटी को सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सेबी द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में चरित्र हनन करने का प्रयास है। सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि वह पूरी पारदर्शिता के साथ जल्दी ही इस मामले में विस्तार से बयान जारी करेंगी।
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अडानी समूह से कनेक्शन का लगाया आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडानी समूह के विदेशी फंड में हिस्सेदारी है। इस आरोप के बाद सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने सेबी चेयरपर्सन का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि शेयर बाजार देश की आत्मा है और उस कुर्सी पर सबसे बड़ा चोर बैठा हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच का इस्तीफा लेने की मांग की।
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हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट पर भी विवाद
हिंडनबर्ग रिसर्च ने करीब डेढ़ साल पहले अडानी समूह के खिलाफ आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी की थी, जिसने बड़ी सुर्खियां बटोरी थीं। इस बार भी रिपोर्ट जारी करने से पहले हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था कि जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है। शनिवार देर शाम आई रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह के खिलाफ सेबी की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है क्योंकि समूह के साथ सेबी चेयरपर्सन और उनके पति के कथित कनेक्शन हैं।
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सेबी की पारदर्शिता पर उठे सवाल
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद सेबी की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, ने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि सेबी की ओर से जल्द ही इस मामले में विस्तृत बयान जारी किया जाएगा। हिंडनबर्ग के आरोप और सेबी प्रमुख की प्रतिक्रिया ने बाजार में एक नई बहस छेड़ दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सेबी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और बाजार में विश्वास को बनाए रखने के लिए क्या उपाय करती है। पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में उठाए गए कदम ही निवेशकों का भरोसा बहाल कर सकते हैं।