MS Swaminathan: देश में धान की फसल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाने वाले एमएस स्वामीनाथन ने 98 साल में दुनिया को अलविदा कह दिया हैं। कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन के निधन की खबर से सभी दुखी हैं। उन्होंने देश के प्रति एक बहुत ही अहम भूमिका निभाई हैं। यही नही वे 1972 में पद्म भूषण से नवाजे जा चुके हैं। बता दे कि एमएस स्वामीनाथन को फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन भी कहा जाता हैं।
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जाने किस वजह से हुआ निधन
जाने मानें एमएस स्वामीनाथन काफी लंबे समय से बीमार थे। जिसकी वजह से उलका निधन हो गया हैं। वे काफी लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारी से ग्रसित रह रहे थे। बता दे कि स्वामीनाथन अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।
स्वामीनाथन ने बहुत अहम भूमिका निभाई
भारत में सबसे पहले धान की फसल को बढ़ावा देने में एमएस स्वामीनाथन ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। एमएस स्वामीनाथन ने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बहुत ही बड़ा योगदान दिया था। उनकी इस पहल की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को काफी मदद मिली थी।
एमएस स्वामीनाथन का कार्यकाल
अगर कार्यकाल की बात करे तो स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर थे। वे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79), कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया था।
पीएम मोदी भी दुखी हुए
स्वामीनाथन के निधन की खबर को सुनकर देश के सभी लोग दुखी हैं। उनकी निघन की खबर सुनकर PM मोदी भी बहुत दुखी हुए। जिसकी वजह से PM मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा देश के लिए काम किया। पीएम ने कहा कि स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करते हुए हजारों लोगों की जिंदगी संवारी।
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CM योगी ने भी जताया शोक
उत्तर प्रदेश के CM योगी ने भी स्वामीनाथन के निधन पर शोक जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- हरित क्रांति के जनक, प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जी का निधन अत्यंत दुःखद व राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। समाज उनके योगदानों के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा। प्रभु श्री राम पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति दें।