Chandigarh Mayor Election:हाल ही में चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का उम्मीदवार हार गया था.हार के बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.मेयर के चुनाव में पीठासीन अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि,ऐसे अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि,क्या चुनाव के पीठासीन अधिकारी को ऐसा बर्ताव करना चाहिए? ये तो लोकतंत्र का मजाक उड़ाया गया है।
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुनवाई
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की शुरूआत करते हुए कोर्ट में एक पेन ड्राइव दी. सिंघवी ने हाईकोर्ट के आदेश का जिक्र किया और बताया कि,कमिश्नर ने रिटर्निंग ऑफिसर को नियुक्त किया है.चुनाव में हम 20 थे बीजेपी 16 थी,वोटिंग में 36 लोग वोट करते है. ऑफिसर ने 8 लोगों को अयोग्य करार दे दिया.ये सभी लोग हमारे थे.इससे आंकड़ा 20 घटकर 12 हो जाता है और तो और हाईकोर्ट ने बैलेट को सुरक्षित नहीं रखा,बल्कि 3 हफ्ते के लिए नोटिस जारी किया.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अब अगले सोमवार को मामले की सुनवाई करने के लिए तारीख तय की है।
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SC के CJI ने कहा,’येलोकतंत्र की हत्या हुई है’
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने एक वीडियो दिखाया गया.ये वीडियो मतदान के समय का था जब वोट को अयोग्य ठहराया जा रहा था.सीजेआई ने वीडियो देखने के दौरान कहा कि,क्या ये बैलेट पेपर है? वो हिस्सा कहां है, जिसमें आप दावा कर रहे है कि,ऑफिसर बैलेट पेपर ले कर चले गए.वीडियो देखकर चीफ जस्टिस नाराज हो गए और कहा कि,ये लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या हुई है. ये क्या रिटर्निंग ऑफिसर करता है. हम नहीं चाहते की देश में लोकतंत्र की हत्या हो. नव-निर्वाचित मेयर के कामों पर रोक के निर्देश दिए जाएं। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
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सीजेआई ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और कहा है कि,चुनाव की पवित्रता बरकरार रखने के लिए चंडीगढ़ मेयर चुनाव की डिटेल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा होंगी.इतना ही नहीं सीजेआई ने कहा कि,रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की तरफ क्यों देख रहा है? ये कोई भगोड़ा नहीं है.