Mayawati on SC-ST Reservation: बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने एक बार फिर एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के मामले में केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को लखनऊ के बसपा (BSP) मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह संसद में कानून लाकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मायावती का कड़ा विरोध
मायावती ने आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर भाजपा, कांग्रेस और सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े इस बेहद महत्वपूर्ण मामले पर मजबूती से पैरवी की होती, तो इस तरह का निर्णय नहीं आता। उन्होंने केंद्र से संसद में कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कदम उठाने की मांग की।
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जातीय जनगणना की मांग
मायावती ने जातीय जनगणना का भी मुद्दा उठाया और कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि जातीय जनगणना करवाई जाए। बसपा तो पहले से ही इसके पक्ष में रही है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से ही एससी-एसटी वर्गों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा और उनकी समस्याओं का सही सही समाधान हो सकेगा।
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भाजपा, कांग्रेस और सपा पर तीखा हमला
मायावती ने भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि ये दल पहले से ही एससी-एसटी वर्गों के आरक्षण के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, सपा और अन्य दलों ने आरक्षण और संविधान बचाने की बात कहकर इन वर्गों का समर्थन हासिल कर लिया, जिससे बसपा को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अब ये दल चुप बैठे हैं और इन्हें भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण की मांग
मायावती ने मांग की है कि अब समय की जरूरत है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पदों में भी आरक्षण लागू किया जाए। इससे अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को इन जगहों पर हिस्सेदारी मिल सकेगी। उन्होंने भाजपा पर सरकारी नौकरियों को खत्म कर आरक्षण को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती न करके भाजपा ने कांग्रेस और सपा की तरह ही इन वर्गों का नुकसान किया है।
केंद्र सरकार ने दी सफाई
केंद्र की एनडीए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण में क्रीमीलेयर का फैसला लागू नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चिंतित एससी-एसटी वर्ग के सांसदों ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री ने सांसदों को आश्वासन दिया कि आरक्षण में क्रीमीलेयर का प्रावधान लागू नहीं किया जाएगा। सांसदों ने कोटा के अंदर कोटा वाले फैसले को भी लागू न करने की मांग की थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।
यह स्पष्ट है कि एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर का प्रावधान सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है। उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में आरक्षण लागू करने की मांग पर भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, ताकि न्यायपालिका में भी सभी वर्गों की उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।