Saugat-e-Modi: ईद से पहले BJP मुस्लिमों के लिए खास सौगात लेकर आई है. इसे नाम भी सौगात-ए-मोदी दिया गया है. दिल्ली BJP की तरफ से निजामुद्दीन इलाके में जब सौगात-ए-मोदी मुहिम शुरू हुई तो मुस्लिम महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी.सौगात ए मोदी अभियान में बीजेपी का टारगेट गरीब मुस्लिम वोटर हैं. बीजेपी के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों से संपर्क करेंगे और गरीब मुसलानों को ईदी किट देंगे.
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क्या है सौगात-ए-मोदी ?

बताते चले कि, बिहार और बंगाल में चुनाव आने वाले है और इसे लेकर सभी पार्टियां मुसलमानों को अपनी तरफ खींचने की कवायद में जुटी हुई नजर आ रही हैं.इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी ने देशभर के 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर ‘सौगात-ए-मोदी’ किट देने की घोषणा की है. यह अभियान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा चलाया जाएगा, जिसके तहत 32 हजार पार्टी पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में संपर्क करेंगे. इस पहल का उद्देश्य गरीब मुस्लिम परिवारों को ईद की खुशियां मनाने में सहायता करना है.
सौगात-ए-मोदी पर छिड़ी महाभारत
सौगात-ए-मोदी पर महाभारत छिड़ी हुई है, कोई इसे मुसलमानों के साथ छल बता रहा है तो कोई इसे चुनावी दांव बता रहा है. अखिलेश यादव समेत विपक्ष के कई नेता बीजेपी की इस योजना पर बिफरे हुए हैं. टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तो इस योजना को मुसलमानों के साथ मजाक बताया है.
बिहार में मुस्लिम आरजेडी का बड़ा वोट बैंक

बता दें कि बिहार में मुस्लिम आरजेडी का बड़ा वोट बैंक हैं, लेकिन जेडीयू को भी मुस्लिम मतदाताओं का साथ मिलता रहा है. बात अगर बिहार के मुस्लिम मतदाताओं के वोटिंग पैटर्न की करें तो बिहार के 18 फीसदी मुस्लिम आबादी में 2015 के विधानसभा चुनाव में NDA को 8 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं ने वोट दिया था, जबकि आरजेडी और जेडीयू को 78 फीसदी मुस्लिम वोट मिले थे, 2019 से समीकरण बदल गए, कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन हुआ तो 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 6 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था. जबकि आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन को 77% मुस्लिम वोट मिले थे.अब सवाल है कि क्या सौगात-ए-मोदी से मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव बीजेपी की ओर होगा और क्या अब मुस्लिम बहुल सीटों पर भी कमल खिलेगा.