Sambhal Masjid Case:शाही जामा मस्जिद के सर्वे रिपोर्ट को लेकर आज (29 नवंबर) को चंदौली जिला अदालत में होने वाली सुनवाई में बड़ा बदलाव आया है। पहले ये उम्मीद जताई जा रही थी कि आज कोर्ट में मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाएगी, लेकिन अब कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आज रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी। इसके बजाय, अब 8 जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी और उसी दिन सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी।
सर्वे रिपोर्ट पेश न होने की वजह
कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि रिपोर्ट पेश नहीं करने का कारण हाल ही में हुई हिंसा है, जिसकी वजह से रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई। रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए उन्हें 10 दिनों का समय और दिया गया है। इस बीच, अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और ड्रोन कैमरा से भी अदालत की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
मस्जिद के सर्वे से जुड़ी घटनाएं
19 नवंबर को जिला जज सीनियर डिवीजन ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था और अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। इसके बाद एक टीम ने मस्जिद का सर्वे किया, जिसमें मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि भी शामिल थे। हालांकि, जब टीम रविवार को मस्जिद के अंदर सर्वे करने गई, तो अचानक हिंसा भड़क उठी। इस दौरान वहां मौजूद भीड़ ने सर्वे टीम पर पथराव किया। इस हिंसा की वजह से सर्वे को रोकना पड़ा और रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई।
सर्वे रिपोर्ट में सामने आई कुछ अहम बातें
सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में शाही जामा मस्जिद के अंदर कई हिन्दू प्रतीक चिन्हों के मिलने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि मस्जिद में दो खंभों पर द्वारपाल शैली का डिजाइन पाया गया, जिन पर कमल के फूल और अन्य चित्रकारी भी थी। इसके अलावा, मस्जिद के आंगन में एक बरगद का पेड़ भी पाया गया, जिसे मंदिर और आस्था का प्रतीक माना गया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मस्जिद में 50 आले मिले हैं, जो मूर्तियां रखने के लिए बनाए गए थे।
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अगली सुनवाई तक सुरक्षा इंतजाम
चंदौली जिला अदालत में 8 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान शाही जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस मामले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है और न्यायालय परिसर के आसपास पुलिस की भारी तैनाती की गई है। साथ ही, ड्रोन कैमरा से भी स्थिति की निगरानी की जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।