Saint Premanand : आस्था और आध्यात्मिकता की दुनिया में प्रतिष्ठित संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन इन दिनों एक नए विवाद का कारण बन गए हैं। जानकारी के अनुसार, उनके प्रवचनों और उपदेशों का कुछ लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से दुरुपयोग कर रहे हैं। इन प्रवचन को अन्य भाषाओं में अनुवादित कर या फिर उन्हें मनमाने तरीके से प्रस्तुत करके सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रसारित किया जा रहा है। इस पर श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने रविवार को एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें इस प्रकार के कृत्य को मर्यादा और कानून के खिलाफ बताया गया है।
Read more :KEA KCET 2025 के एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे डाउनलोड करें?
AI के माध्यम से संत की वाणी का अनधिकृत प्रसार
श्रीराधा केलिकुंज ने अपने नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा है कि कुछ लोग गुरुदेव श्रीहित प्रेमानंद गोविंदशरण महाराज की वाणी और उपदेशों को AI का उपयोग करके अन्य भाषाओं में अनुवादित कर रहे हैं। यह अनुवाद या प्रस्तुति न केवल उनकी मूलभूत वाणी के सार को प्रभावित करता है, बल्कि यह भी अनुशासन और मर्यादा के खिलाफ है। आश्रम ने स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में इस तरह के अप्राधिकृत और अमर्यादित कार्यों से बचना चाहिए।
Read more :IPL 2025 Purple Cap: मोहम्मद सिराज ने पर्पल कैप की दौड़ में मारी एंट्री, नूर अहमद को दी टक्कर
श्रीराधा केलिकुंज का संदेश
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे इस तरह के अनाधिकृत प्रवचन वीडियो से बचें। उन्होंने कहा है कि संत प्रेमानंद के प्रवचन की गरिमा केवल उनकी मूल भाषा शैली में ही बनी रहती है, और इसे किसी भी प्रकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से न बदला जाए। आश्रम ने एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि श्रद्धालु इस प्रकार के वीडियो न बनाएं, न ही उनका समर्थन करें और न ही सोशल मीडिया पर इन्हें साझा करें।आश्रम के इस कदम को लेकर धार्मिक समुदाय और भक्तों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ भक्तों का मानना है कि इस तरह के कदम से संत प्रेमानंद की वाणी की शुद्धता बनी रहेगी, जबकि अन्य का कहना है कि यह डिजिटल युग में आध्यात्मिकता के प्रसार में एक बाधा उत्पन्न कर सकता है।
संत प्रेमानंद का आध्यात्मिक योगदान
संत प्रेमानंद महाराज का आध्यात्मिक कार्य वर्षों से समाज में गहरी आस्था और विश्वास का प्रतीक रहा है। उनके प्रवचन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि समाज में नैतिकता, प्रेम, और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए भी जाने जाते हैं। वे अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को जीवन की सच्चाई, आध्यात्मिक जागरूकता और सेवा का मार्ग दिखाते हैं।श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने इस विवाद पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है कि संत प्रेमानंद के प्रवचनों का किसी भी तरीके से दुरुपयोग या गलत तरीके से प्रसारण नहीं किया जाएगा। यह कदम संत की वाणी की गरिमा को बनाए रखने और उनके उपदेशों के सही रूप में समाज तक पहुंचने के लिए उठाया गया है।