Saint Premanand: डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी के जरिए कई बार अजीब घटनाएं सामने आती हैं, जैसे कभी पीएम मोदी सेंधा नमक बोलते हुए वायरल हो जाते हैं, तो कभी ऐसी भाषा की सीआईडी हमारे सामने आ जाती है, जिसका ख्याल भी सीआईडी बनाने वालों ने कभी नहीं किया होगा। कभी लोग एक-दूसरे को किस करते हुए वायरल हो जाते हैं, जिनके बारे में उन्होंने अपने सपने में भी नहीं सोचा था। ऐसा ही एक मामला हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज से जुड़ा हुआ सामने आया है।
प्रेमानंद महाराज के प्रवचन वायरल
प्रेमानंद महाराज के प्रवचन को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से अलग-अलग भाषाओं में वायरल किया जा रहा है। इन भाषाओं और शब्दों की अश्लीलता इतनी अधिक है कि ये किसी की इज्जत को चंद पल में नष्ट कर सकते हैं। इस मामले को लेकर श्रीधाम वृंदावन ने प्रेमानंद महाराज की तरफ से एक चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि महाराज के वाणी और उपदेशों को इस तरह दूसरी भाषा में बदलकर सोशल मीडिया पर वायरल करना न सिर्फ मर्यादा, बल्कि कानून के खिलाफ भी है। इस पर यदि नियंत्रण नहीं पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग
आस्था की दुनिया के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद के प्रवचन इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग का शिकार हो रहे हैं। कुछ लोग उनके उपदेशों को AI की मदद से दूसरी भाषाओं में बदलकर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित कर रहे हैं, जो संत की वाणी की मर्यादा और गरिमा के खिलाफ है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने रविवार की शाम एक चेतावनी जारी की है।
श्रीराधा केलिकुंज ने जारी किया नोटिस
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि कुछ लोग गुरुदेव श्रीहित प्रेमानंद गोविंदशरण महाराज की वाणी और उपदेशों को AI के जरिए अन्य भाषाओं में बदलकर, या फिर मनमाने तरीके से प्रस्तुत कर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं। यह न केवल मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन है। आश्रम ने यह स्पष्ट किया है कि प्रेमानंद महाराज की वाणी की गरिमा उनकी मूलभूत भाषा शैली में बनी रहनी चाहिए और इसके लिए किसी को भी AI का प्रयोग नहीं करना चाहिए। किसी भी ऐसे वीडियो को न तो बनाएं, न ही उसका समर्थन करें, और न ही इसे शेयर करें।
अफवाहों का श्रीराधा केलिकुंज ने किया खंडन
इंटरनेट मीडिया में एक और मुद्दा सामने आया है, जहां संत प्रेमानंद के आश्रम श्रीराधा केलिकुंज से जुड़े कुछ लोगों द्वारा रियल एस्टेट कारोबार में उतरने और भूमि, प्लाट, फ्लैट की बिक्री की खबरें प्रसारित की जा रही हैं। इन अफवाहों को लेकर आश्रम प्रबंधन ने रविवार की शाम खंडन करते हुए साफ किया है कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने इस प्रकार की गतिविधियों से सावधान रहने की अपील की है।
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम की स्पष्ट जानकारी
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि उनका कोई अन्य शाखा नहीं है और न ही वह किसी तरह की भूमि, प्लाट, फ्लैट या भवन निर्माण का विक्रय करते हैं। आश्रम का कोई होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, यात्री विश्राम स्थल, चिकित्सालय, गुरुकुल या विद्यालय नहीं है। इसके अलावा, आश्रम किसी प्रकार का विज्ञापन भी नहीं करता है और न ही उनकी किसी प्रकार की पूजा सामग्री या अन्य वस्तुओं की दुकान है।
आश्रम में सत्संग और कीर्तन निशुल्क
आश्रम ने यह भी कहा है कि उनके परिसर में होने वाले एकांतिक वार्तालाप, सत्संग, कीर्तन और वाणी पाठ में भाग लेने के लिए किसी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जाती। इसके लिए केवल एक दिन पहले आश्रम में आकर नाम लिखवाना अनिवार्य है। आश्रम ने अपने भक्तों और शिष्यों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति, शिष्य या संत वेषधारी उनके नाम का उपयोग करके किसी को भ्रमित करता है तो उनसे सतर्क रहें और उनके झांसे में न आएं।
अफवाहों के खिलाफ उठाया कड़ा कदम
आश्रम ने इस प्रकार के अमर्यादित कृत्यों और अफवाहों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है और भक्तों को जागरूक करने के लिए स्पष्ट चेतावनी जारी की है। श्रीराधा केलिकुंज ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके नाम का गलत उपयोग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भक्तों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के भ्रम से बचें।